
Sitapur : कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालय, विकास खण्ड रेउसा की 13 बच्चियाँ दूषित भोजन/जल से अचानक बीमार पड़ने के मामले ने हड़कंप मचा दिया है। बच्चों को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस गंभीर घटना को देखते हुए, जिलाधिकारी डॉक्टर राजा गणपति आर ने तत्काल मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय जाँच समिति का गठन किया था।
जाँच टीम ने किया जिला अस्पताल का दौरा और किए हैरान करने वाले खुलासे
जाँच समिति, जिसमें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अखिलेश प्रताप सिंह, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी एस.पी. सिंह और डॉक्टर सोनाली विश्वास शामिल थे, ने पहले दिन, 12 दिसंबर 2025 को, कस्तूरबा गाँधी विद्यालय का त्वरित स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय एमओआईसी रेउसा, बीडीओ और एडीओ पंचायत भी मौके पर उपस्थित थे।
हालाँकि, जाँच टीम ने शुरुआती जांच और डॉक्टरों की राय के आधार पर यह संभावना कम जताई कि यह फूड पॉइज़निंग का मामला हो सकता है। पर टीम ने साफ संकेत दिया कि दूषित और अस्वच्छ जल के सेवन से बालिकाओं के बीमार होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
इसके बाद, आज जिलाधिकारी द्वारा गठित जाँच समिति ने सीधे जिला अस्पताल पहुँचकर बीमार बालिकाओं का हालचाल जाना। इस दौरान यह चौंकाने वाला अपडेट सामने आया कि बीमार होने वाली 13 बच्चियों के डॉक्टरों ने दूषित भोजन के कारण उनके बीमार होने का संदेह जताया है।
जाँच समिति का निष्कर्ष है कि विद्यालय में पानी प्रदूषित होने की प्रबल संभावना है। इस निष्कर्ष को पुख्ता करने के लिए पानी का सैंपल जल प्रदूषण बोर्ड को भेजा गया है। इसके अलावा, दूषित भोजन की संभावना की जाँच के लिए बालिकाओं को परोसे गए भोजन को भी लैब में भेजा गया है। बालिकाओं के स्टूल सैंपल भी लैब भेजे गए हैं, जिसकी रिपोर्ट कुछ दिनों में आने की उम्मीद है।
बीमार बच्चों में खांसी, गले में दर्द और घबराहट जैसे लक्षण दिखाई दिए हैं। अधिकारियों का मानना है कि इसके पीछे एलर्जी, संक्रमण या आगामी परीक्षाओं को लेकर मानसिक दबाव भी एक कारण हो सकता है। लेकिन 13 बच्चों का एक साथ बीमार पड़ना और दूषित भोजन का संदेह विद्यालय प्रबंधन की बड़ी लापरवाही की ओर इशारा करता है।














