कांग्रेस को फिर झटका, देश की सबसे अमीर सावित्री जिंदल ने कांग्रेस को किया बाय-बाय

नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं। कई दिग्गज नेता पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं। अब देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है। सावित्री ने बुधवार को एक्स पर एक पोस्ट के जरिए पुष्टि करते हुए कहा है कि उन्होंने अपने परिवार की सलाह पर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। उन्होंने लिखा, मैंने एक विधायक के रूप में 10 वर्षों तक हिसार के लोगों का प्रतिनिधित्व किया और एक मंत्री के रूप में निस्वार्थ भाव से हरियाणा राज्य की सेवा की है। हिसार की जनता मेरा परिवार है और अपने परिवार की सलाह पर मैं आज कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं। उन्होंने आगे लिखा कि मैं कांग्रेस नेतृत्व के समर्थन के लिए और अपने सभी सहयोगियों का हमेशा आभारी रहूंगा जिन्होंने मुझे हमेशा अपना समर्थन और सम्मान दिया।

भारत की सबसे अमीर महिलाओं में सबसे ऊपर सावित्री जिंदल की उम्र 84 साल है और वे जिंदल समूह का विशाल कारोबार संभाल रही है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, 28 मार्च 2024 तक सावित्री जिंदल की कुल संपत्ति 29.6 अरब डॉलर है। जो भारतीय रुपयों में करीब 2.47 लाख करोड़ रुपये के आस-पास बैठती है। देश की सबसे अमीर महिलाओं की लिस्ट में इनका नाम पहले नंबर पर आता है, तो वहीं दुनिया के टॉप अरबपतियों में सावित्री जिंदल 56वें स्थान पर हैं। ओपी जिंदल ग्रुप का कारोबार आज तमाम सेक्टर्स में फैला हुआ है, इनमें स्टील, एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर, सीमेंट, निवेश और पेंट सेक्टर शामिल हैं। ना केवल देश में बल्कि भारत से बाहर भी जेएसडब्ल्यू ग्रुप का बड़ा बिजनेस है। कंपनी अमेरिका, यूरोप और यूएई से चिली तक कारोबार करती है। सावित्री जिंदल से पहले उनके बेटे नवीन जिंदल ने भी कांग्रेस छोड़ हाल ही में बीजेपी का दामन थामा है। जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के अध्यक्ष नवीन जिंदल भारतीय जनता के उम्मीदवार को तौर पर कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। गौरतलब है कि नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से साल 2004 से 2009 और साल 2009 से 2014 तक कांग्रेस से सांसद रहे हैं।


सावित्री जिंदल का राजनीतिक करियर
ओपी जिंदल ग्रुप की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल ने 10 वर्षों तक हिसार निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और हरियाणा सरकार में मंत्री के रूप में भी कार्य किया। साल 2005 में एक विमान दुर्घटना में उनके पति और जिंदल समूह के संस्थापक ओपी जिंदल की मृत्यु के बाद जिंदल को हिसार निर्वाचन क्षेत्र से हरियाणा विधानसभा के लिए चुना गया था। वह 2009 में हिसार से फिर से चुनी गईं और अक्टूबर 2013 में उन्हें हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया। साल 2006 में शहरी स्थानीय निकाय और आवास राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने काम किया, लेकिन 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में उन्हें हिसार से हार का सामना करना पड़ा था।

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