
Mumbai : महाराष्ट्र के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) की टीम ने पुणे जिले के सदाशिव पेठ में स्थित अक्षय फार्मा में छापा मारकर 2.75 लाख रुपये की नकली दवाइयां जब्त की हैं। इस मामले में विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस मामले की गहन छानबीन जारी है।
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के जॉइंट कमिश्नर गिरीश हुकारे ने शनिवार को बताया कि उनकी टीम को गोपनीय जानकारी मिली थी कि सिक्किम की एक कंपनी टैरेंट फार्मास्यूटिकल्स की बनाई ट्रिप्सिन नाम की नकली दवा पुणे शहर में बेची जा रही है। इसी जानकारी के आधार पर 16 अक्टूबर, 2025 को ड्रग इंस्पेक्टरों ने सदाशिव पेठ में अक्षय फार्मा के दवा स्टॉक से टेस्टिंग और एनालिसिस के लिए सैंपल लिए थे। इसके बाद की जा रही जांच में पता चला कि अक्षय फार्मा ने यह दवा दो लोगों से खरीदी थी। इसके बाद एफडीए ने बिहार के गोपालगंज में असिस्टेंट ड्रग्स कंट्रोलर से बात की। इस ड्रग्स कंट्रोलर ने बताया कि महिवाल मेडिको प्लांट बंद हो चुका है और उसका लाइसेंस 20 नवंबर, 2024 को खत्म हो गया है।
इसके बाद एफडीए ने सिक्किम की टैरेंट फार्मास्यूटिकल्स नामक कंपनी से संपर्क किया गया। सिक्किम की कंपनी ने एक लेटर के ज़रिए बताया कि वे यह दवा नहीं बनाते हैं और यह उनकी नहीं है। इस पर एफडीए ने बीती रात अक्षय फार्मा में छापा मारकर 2 लाख 75 हज़ार रुपये की नकली दवाओं का स्टॉक ज़ब्त किया है। एफडीए की टीम ने इस मामले में विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज है। सिक्किम की एक कंपनी की नकली दवाइयां बनाने और बांटने वालों और पुणे के दवा डीलरों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने पुणे के दवा डीलरों समेत 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है और पुणे की एक मेडिकल दुकान से 2.75 लाख रुपये की नकली दवाइयां जब्त की हैं। आरोपितों में अक्षय हसमुख पुनिया, अमृत बस्तीमल जैन, मनीष अमृत जैन, रोहित पोपट नावडकर, देवेंद्र यादव, उमंग अभय रस्तोगी, महेश गर्ग, सोनी माहिवाल शामिल हैं। इस मामले की गहन छानबीन जारी है, बहुत जल्द सभी आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा।















