
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इजरायल दौरे पर हैं और वे वही बात दोहरा रहे हैं जो उन्होंने पिछले कुछ दिनों में कई बार कही — कि उनकी टैरिफ नीति और ट्रेड दबाव ने दुनिया में कई संघर्षों को रोका है। ट्रंप ने यात्रा विरोधी विमान (एयरफोर्स वन) पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह «हम सबको खुश करेंगे» और दावा किया कि इजराइल–हमास का युद्ध अब खत्म हो चुका है।
ट्रंप का टैरिफ-कला का दावा
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने टैरिफ की धमकी देकर कई युद्धों को रोका है और यह कुछ मामलों में बहुत असरदार रहा। उन्होंने विशेष रूप से भारत–पाकिस्तान के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने दोनों देशों पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी देकर बीच का तनाव शांत करवा दिया था — और 24 घंटे के भीतर मामला सुलझ गया। इस तरह के दावों पर कई मीडिया रिपोर्ट्स और ट्रेड-विश्लेषक टिप्पणी कर रहे हैं।
अफगानिस्तान–पाकिस्तान पर भी दावा
ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भी उनके हस्तक्षेप की वजह से युद्ध रुका है। उन्होंने जो संख्या और दावे दिए — जैसे कि उन्होंने “आठ युद्ध” रोके हैं या किसी लंबे संघर्ष (31 साल चले युद्ध) को खत्म कर दिया — उन दावों का स्वतंत्र सत्यापन अलग से होना चाहिए, पर उनका रुख यह दिखाता है कि वे अपने ट्रेड/टैरिफ को एक वैश्विक शांति औज़ार के तौर पर प्रस्तुत कर रहे हैं। सर
ट्रंप को इस बार नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने से निराशा दिखी — उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य नोबेल के लिए काम करना नहीं था, बल्कि लोगों की जान बचाना था — फिर भी उन्होंने यह महसूस किया कि उन्हें यह मान्यता नहीं मिली। इस मामले पर मीडिया में प्रतिक्रियाएँ और एक्सपर्ट टिप्पणियाँ आ रही हैं।
ट्रंप का दौरा और आगे का एजेंडा
ट्रंप इजराइल के बाद मिस्र और अन्य बड़े देशों के नेताओं से भी मिलेंगे — उनका दावा है कि ये सभी इस मसले (हमास–इजराइल के समझौते/युद्धविराम) के भागीदार हैं और वे मिलकर इस समझौते को टिकाऊ बनाएंगे। दौरे के दौरान ट्रंप काफ़ी कूटनीतिक मुलाक़ातें और सार्वजनिक बयान देंगे, जिनका असर क्षेत्रीय राजनीतिक हालात पर देखा जाना बाकी है।