मुंबई । महाराष्ट्र में बुधवार को विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हो जाएगा। इससे पहले दस दिन से अधिक चली रस्साकसी को लेकर कई तरह की खबरें आ रहीं है। बताया जा रहा है कि कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात कर 6 माह के लिए सीएम का पद मांगा था, लेकिन शाह की दो टूक से वे चुप हो गए। रिपोर्ट एक वरिष्ठ नेता के हवाले से बताया गया है कि भाजपा ने 6 महीने सीएम वाली बात को खारिज कर दिया था। पार्टी का कहना था कि इससे एक गलत मिसाल कायम होगी। उन्होंने कहा, 6 महीने के लिए सीएम नियुक्त करने का कोई सिस्टम नहीं है। यह गलत फैसला होगा और प्रशासन पर इसका गलत असर पड़ेगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से शिंदे समेत अन्य नेताओं की मुलाकात 28 नवंबर को हुई थी।
वरिष्ठ नेता ने बताया कि शिंदे से यह भी कहा गया कि वह खुद को भाजपा अध्यक्ष की जगह पर रखकर देखें। उन्होंने बताया कि बैठक में, भाजपा नेतृत्व ने शिंदे से पूछा कि अगर आप स्पष्ट बहुमत हासिल कर लेते तो क्या मुख्यमंत्री पद पर दावा छोड़ देते। इस पर शिंदे निशब्द हो गए थे। बुधवार को भाजपा की बैठक होनी है, जिसमें विधायक दल के नेता का चुनाव किया जाएगा। इससे पहले ही शिंदे ने साफ किया था कि वह भाजपा नेतृत्व के फैसले को मानेंगे और सरकार गठन में अड़ंगा नहीं डालेंगे। खबर है कि बैठक में भाजपा से देवेंद्र फडणवीस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार, कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे मौजूद थे। महायुति ने राज्य की 288 में से 230 सीटों पर जीत हासिल की है।
खबरों के मुताबिक राजनेता ने यह भी बताया है कि बैठक में शिंदे ने भाजपा को अपना पुराना कथित वादा भी याद दिलाया, जो लोकसभा चुनाव के बाद किया गया था कि अगर गठबंधन बहुमत हासिल कर लेता है कि तो उन्हें मुख्यमंत्री दोबारा बनाया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, उनका यह अनुरोध सीधा यह कहकर खारिज कर दिया गया कि भाजपा के बहुमत के करीब सीटें हासिल करने के बाद ऐसा फैसला लेना गलत होगा।