सेहत का रखे ख्याल : बेहतर याददाश्त के लिए 7-8 घंटे सोने की करनी चाहिए कोशिश

नई दिल्ली । आजकल छोटी-छोटी बातों को भूलना एक नई बीमारी बनती जा रही है। इस बीमारी के लिए खराब लाइफस्टाइल का काफी हद तक जिम्मेदार मानी जा रही है। शुरुआत में छोटी-छोटी बातें भूलना आगे चलकर अल्जाइमर का रूप भी ले सकता है।

इसलिए जरूरी है कि हम अपनी उन आदतों को पहचानें, जो याददाश्त कमजोर बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। यहां हम उन्हीं आदतों के बारे में जानेंगे। नींद हमारे दिमाग को आराम देने और मेमरी को मजबूत करने का समय होता है। जब हम भरपूर नींद नहीं लेते हैं, तो हमारा दिमाग ठीक से काम नहीं कर पाता और याददाश्त कमजोर होने लगती है। इसलिए रोजाना 7-8 घंटे की नींद लेने की कोशिश करनी चाहिए। तनाव हमारे शरीर में कॉर्टिसोल नाम के हार्मोन का स्तर बढ़ा देता है, जो याददाश्त को प्रभावित करता है। इसका लेवल बढ़ने की वजह से याददाश्त कमजोर हो सकती है। इसलिए रोजाना योग, मेडिटेशन या डीप ब्रीदिंग जैसी तकनीकों से तनाव को कम करें। संतुलित आहार नहीं लेने से दिमाग को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिससे याददाश्त कमजोर हो सकती है।

दिमाग को सही ढंग से काम करने के लिए पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इसलिए डाइट में फल, सब्जियां और ड्राई फ्रूट्स जैसे पौष्टिक फूड्स को शामिल करें। शराब पीने और स्मोक करने से दिमाग के सेल्स को नुकसान पहुंचता है और याददाश्त कमजोर होने लगती है। इसलिए शराब पीने और धूम्रपान करने से बचना चाहिए। दिमाग को नए कामों और चुनौतियों की जरूरत होती है। यह एक तरह की ब्रेन एक्सरसाइज होती है, लेकिन एक ही काम बार-बार करने से दिमाग सुस्त हो जाता है और याददाश्त कमजोर हो सकती है। इसलिए नई चीजें सीखने की कोशिश करें, जैसे कि एक नई भाषा सीखना या कोई नया शौक विकसित करना। एक साथ कई काम करने से फोकस बंट जाता है और किसी भी काम पर पूरी तरह ध्यान नहीं दे पाता।

इससे याददाश्त कमजोर हो सकती है। इसलिए कोशिश करें कि एक समय में एक ही काम पर ध्यान दें। एक्सरसाइज न करने के कारण सिर्फ शरीर ही नहीं, बल्कि दिमाग भी सुस्त होने लगता है। इसलिए रोजाना एक्सरसाइज करना जरूरी है। इससे ब्लड फ्लो बेहतर होता है, जिससे दिमाग हेल्दी रहता है। इसलिए रोज कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें।सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल फोकस करने की क्षमता को कम करता है और याददाश्त पर भी असर डालता है। इसलिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल सीमित करें और किताबें पढ़ने या किसी दूसरी एक्टिविटीज में समय बिताएं।

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