रुद्रपुर: गर्मियां शुरू होते ही बढ़ा काला पीलिया का खतरा

रुद्रपुर। जैसे-जैसे गर्मी अब अपना उग्र रूप दिखा रही है, वैसे-वैसे जिले में भीषण गर्मी के कारण होने वाली कई बीमारियों के साथ अब काला पीलिया भी बढ़ने लगा है। रुद्रपुर जिला मुख्यालय की बात करें तो मुख्यालय से सटे ग्रामीण और तहसील क्षेत्र से भी लोगों को रुद्रपुर जिला अस्पताल में आना पड़ रहा है, जहां उन्हें काला पीलिया की दवा फिलहाल नहीं मिल पा रही है। आखिर क्या कारण है कि तराई में शुरू से ही जबसे उद्योगों की स्थापना हुई है, काला पीलिया ने लगातार अपने पांव पसारे हैं। आज तक सैकड़ों लोग काला पीलिया की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं, लेकिन जिला अस्पताल में वर्तमान में काला पीलिया की दवा नहीं मिल पा रही है।

यूं तो गर्मियों के सीजन में कई बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं, लेकिन ज्यादातर काला पीलिया के रोगियों की संख्या भी बहुतायत हो जाती है। पूरे जिले में काला पीलिया की दवा देने वाला जिला अस्पताल ही हाथ पर हाथ धरकर बैठा हुआ है। इससे दूरदराज से आए रोगियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और कई के दिन तक दवा के लिए उन्हें जिला अस्पताल में भटकना पड़ रहा है।

मंगलवार को जब जिला अस्पताल का निरीक्षण किया गया तो पता चला कि जिला अस्पताल में काला पीलिया के रोगी खासी संख्या में मौजूद थे और इधर-उधर भटक रहे थे। जब उनसे बात की गई तो पता चला कि पूरे जिले को काला पीलिया की दवा देने वाला जिला अस्पताल ही इस दवा से महरूम है।

गदरपुर निवासी अमरजीत सिंह ने बताया कि वह दवा के लिए पिछले दो-तीन दिन से लगातार जिला अस्पताल आ रहे हैं, लेकिन उन्हें गुमराह किया जा रहा है। दोपहर 11:00 से 2:00 बजे तक काला पीलिया की दवा उपलब्ध कराई जाती है, जहां रोगियों की संख्या अधिक होने कारण लंबी-लंबी कतारें लग गई हैं। ना तो रोगियों के बैठने की व्यवस्था है और ना ही अन्य कोई सुविधा दी जा रही है। मजबूरन दर्जनों रोगियों को अस्पताल के फर्श पर ही बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है।

कमोबेश यही कहानी दिनेशपुर निवासी रामगढ़ कोरिया निवासी यासीन, नानकपुरी टांडा निवासी सुखबीर सिंह, गदरपुर निवासी प्रवीण समेत दर्जनों रोगियों की बनी हुई है। उनका कहना है कि ऐसी भीषण गर्मी में काला पीलिया के रोगी बढ़ जाते हैं, लेकिन जिले का एकमात्र केंद्र जिला अस्पताल भी दवा उपलब्ध नहीं करा रहा है, जिससे वे ठोकरें खाने को मजबूर हैं।

वहीं इस मामले में प्रमुख अधीक्षक आरके सिन्हा ने कहा कि इस मामले में कोई बड़ी समस्या नहीं है। जिस प्रकार से दवाइयों की उपलब्धता हो रही है, वैसे-वैसे रोगियों को दवा वितरित की जा रही है। कुल मिलाकर ऐसे गर्म मौसम में यदि इस बीमारी की दवा सुविधाजनक तरीके से उपलब्ध नहीं कराई गई तो यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है।

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