पीलीभीत : इंडो नेपाल सीमा पर हाइवे निर्माण को भूमि अधिग्रहण के खिलाफ ग्रामीणों का प्रदर्शन

पीलीभीत। जनपद से सटी भारत – इंडों नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर भारतीय क्षेत्र में बॉर्डर डेवलपमेंट योजना के अंतर्गत हाइवे निर्माण की प्रक्रिया शुुरू होते ही विवाद खड़ा हो गया। ग्रामीणों ने भूमि अधिग्रहण को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है।

शासन प्रशासन विगत वर्षों से बॉर्डर डेवलपमेंट योजना पर कार्य कर रहा है। राजस्व विभाग इस को लेकर हाइवे के लिए भूमि अधिग्रहण करने की कार्रवाई कर रहा है। लेकिन प्रशासन द्वारा हाइवे निर्माण के लिए की जा रही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को लेकर ग्रामीण संतुष्ट नहीं हैं। इस हाइवे निर्माण को लेकर टाटरगंज गांव के 213 किसानों की भूमि अधिग्रहित की जा रही है राजस्व विभाग की टीम प्रभावित किसानों से भूमि अधिग्रहण करने के संबंध में सहमति पत्र भरवाने की जद्दोजहद में लगी हुई है। लेकिन दूसरी ओर किसानों ने सहमति पत्र भरने से इन्कार कर दिया है। ट्रांस शारदा क्षेत्र के अंतर्गत नेपाल सीमावर्ती गांव टाटरगंज के सैंकड़ों किसानों की कृषि योग्य भूमि प्रशासन द्वारा अधिग्रहित करने की कार्रवाई की जा रही है।

हालांकि शासन द्वारा किसानों को उनकी अधिग्रहित की जाने वाली भूमि के बदले में मुआवजा भी दिया जायेगा। लेकिन प्रभावित किसान सरकार द्वारा तय की गई, मुआवजे की धनराशि को बहुत कम होने की बात कह रहे हैं। इसी को लेकर प्रभावित किसानों ने प्रशासन से पूरे गाटे की भूमि को श्रेणी एक में करने व मुआवजे की धन राशि को बढ़ाने की मांग की है। किसानों का यह भी कहना है कि शासन प्रशासन ने इसी क्षेत्र के गांव बैल्हा में भूमि अधिग्रहण करने के बदले प्रभावित किसानों को मुआवजा भी अधिक दिया है। इसके आलावा उनकी अधिग्रहित की गई भूमि के पूरे गाटे को श्रेणी एक में किया गया है। 

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