
नई दिल्ली : आज के समय में लोग पहले से कहीं अधिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो गए हैं। ज्यादातर लोग फिट और हेल्दी रहना अपनी प्राथमिकता मानते हैं। हालांकि, कुछ लोग इस जुनून में अपनी क्षमता से कहीं अधिक मेहनत करने लगते हैं — और यही गलती उन्हें “ओवरट्रेनिंग सिंड्रोम” का शिकार बना देती है।
कई लोगों को लगता है कि “जितना ज्यादा वर्कआउट, उतना बेहतर रिजल्ट”, लेकिन सच्चाई यह है कि जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज शरीर के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। अत्यधिक व्यायाम करने से मांसपेशियों को रिकवरी का पर्याप्त समय नहीं मिलता, जिससे शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है।
ओवरट्रेनिंग न केवल फिटनेस प्रगति को रोकती है, बल्कि हार्मोनल असंतुलन, कमजोर इम्यून सिस्टम और मानसिक तनाव जैसी कई समस्याएं भी पैदा कर सकती है। इस दौरान शरीर में कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) का स्तर बढ़ जाता है, जिससे व्यक्ति लगातार थकान महसूस करता है।
यहां जानिए ओवर एक्सरसाइज के कुछ प्रमुख संकेत, जिन्हें पहचानकर आप अपने शरीर को समय पर आराम दे सकते हैं—
1. लगातार थकान और नींद की समस्या
अगर आप पूरा आराम करने के बावजूद हर समय थकान महसूस करते हैं, तो यह ओवरट्रेनिंग का संकेत हो सकता है। कई बार नींद न आना या बार-बार नींद टूटना भी इसी वजह से होता है, क्योंकि बढ़ा हुआ कोर्टिसोल तंत्रिका तंत्र को सक्रिय रखता है, जिससे शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता।
2. जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
जब मांसपेशियों को रिकवरी का समय नहीं मिलता, तो उनमें सूजन या खिंचाव होने लगता है। पुराने घावों में दर्द या बार-बार चोट लगना भी ओवरट्रेनिंग का परिणाम हो सकता है। ऐसे में वर्कआउट के बीच शरीर को पर्याप्त विश्राम देना बेहद जरूरी है।
3. इम्यूनिटी का कमजोर होना
अत्यधिक व्यायाम से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ सकती है। इससे व्यक्ति को बार-बार सर्दी, खांसी या अन्य संक्रमण होने लगते हैं।
4. मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन
ओवरट्रेनिंग का असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इसमें व्यक्ति अचानक गुस्सा, उदासी या बेचैनी महसूस करने लगता है।
5. परफॉर्मेंस में गिरावट
अत्यधिक मेहनत के बावजूद जब वर्कआउट रिजल्ट घटने लगें — जैसे आप पहले जितना वजन न उठा पाएं या दौड़ने की स्पीड कम हो जाए — तो यह साफ संकेत है कि आपके शरीर को आराम की जरूरत है।















