
MP News : मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिला अस्पताल में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां अस्पताल के सिविल सर्जन पर नर्सिंग स्टाफ ने गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायत के अनुसार, नर्सिंग ऑफिसर ने आरोप लगाया है कि जब वह छुट्टी के लिए सिविल सर्जन के कक्ष में गई, तो वहां उनके साथ अनुचित व्यवहार किया गया।
मामला शुक्रवार दोपहर का है। एक नर्सिंग ऑफिसर, जिसकी तबीयत ठीक नहीं थी और शरीर पर कुछ निशान भी थे, वह छुट्टी लेने के लिए अस्पताल के सिविल सर्जन भूपेंद्र सिंह शेखावत के कक्ष पहुंची। इस दौरान, सिविल सर्जन ने उनसे शरीर पर निशान दिखाने को कहा। जब नर्सिंग ऑफिसर ने अपने शरीर पर मौजूद निशान दिखाए, तो सिविल सर्जन ने उनसे कपड़ा उतारने को कहा।
नर्सिंग स्टाफ का आरोप है कि यह व्यवहार अनुचित था और इससे पूरे अस्पताल का माहौल बिगड़ गया। शिकायत के अनुसार, सिविल सर्जन का कहना था कि उनके पास आई महिला स्टाफ ने शरीर पर स्मॉल पॉक्स होने की बात कही थी, इसलिए उन्होंने कपड़ा उतारने को कहा। हालांकि, अस्पताल के कर्मचारियों का मानना है कि इस तरह का व्यवहार न केवल अनुचित था, बल्कि चिकित्सकीय मर्यादाओं के भी खिलाफ है।
मामले को सुलझाने के लिए, सिविल सर्जन भूपेंद्र सिंह शेखावत ने अपने बचाव में कहा कि वह केवल अपने कर्तव्य का पालन कर रहे थे और उनके पास कोई गलत इरादा नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को वजाइना या ब्रेस्ट में कैंसर जैसी समस्या हो जाती, तो क्या होता।
वहीं, घटना के बाद अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने अपने साथ हुई इस घटना का विरोध जताते हुए, अस्पताल का कामकाज बंद कर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गए। वहां उन्होंने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और सिविल सर्जन को हटाने की मांग की।
इस पूरे प्रकरण के दौरान, अधिकारियों ने स्थिति को संभालने का प्रयास किया। सीएमएचओ अलका त्रिवेदी और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन भूपेंद्र सिंह शेखावत भी मौके पर पहुंचे और कर्मचारियों को समझाने की कोशिश की।
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