नेपाल का Gen-Z सड़क पर उतर आया है, संसद में घुस गया है, आंदोलन कर रहा है… नेपाल एक बार फिर खुद को असामान्य वजह से ही सही लेकिन बड़े आंदोलन के बीच खड़ा देख रहा है. इस बार आंदोलन की बागडोर युवाओं ने अपने हाथों में संभाल रखी है. नेपाल की केपी ओली सरकार द्वारा फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और X जैसे 26 प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के बाद पूरे देश में गुस्सा फूट पड़ा है. सरकार ने जैसे ही युवाओं को रील बनाने से रोका है, युवा सड़क पर उतरकर रियल सवाल पूछने लगे हैं, भ्रष्टाचार की बात करने लगे हैं, नौकरी कहां है वाला सवाल करने लगे हैं. सरकार को सेना उतारनी पड़ी है, कर्फ्यू लगाना पड़ा है.
नेपाल की सरकार का कहना है कि ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म नेपाल में “रजिस्टर्ड नहीं थे” और इसलिए उन्हें बैन किया गया है. लेकिन नेपाल की युवा जनता के लिए यह एक बहाने के अलावा और कुछ नहीं है. उनका कहना है कि वास्तव में, इस कदम ने सरकार के लिए आलोचना में उठती हर आवाजों को दबाना आसान बना दिया है. इसीलिए आज के युवा, खासकर Gen-Z, सड़क पर उतर आए हैं, उन्होंने संसद पर धावा बोल दिया है.
काम की बात– Gen-Z का मतबल 1995 के बाद पैदा हुए लोगों से है, जो अब 18 से 30 वर्ष के बीच के युवा हैं, जो इंटरनेट और टेक्नोलॉजी के साथ बड़े हुए हैं. वे डिजिटल नागरिक हैं, दुनिया में क्या चल रहा है उससे अवगत हैं, न्याय और समानता क्यों जरूरी है, उसके प्रति सचेत हैं. इंस्टाग्राम जैसे फेमस प्लेटफॉर्म के नेपाल में लाखों यूजर्स हैं जो इंटरटेनमेंट, न्यूज और बिजनेस के लिए उन पर निर्भर हैं.
🚨Breking news:-नेपाल सरकार के खिलाफ युवा ब्रिगेड का काठमांडू में उग्र प्रदर्शन, सोशल मीडिया बैन के खिलाफ सड़कों पर उतरे युवा।#socialmediaban#Nepal #kathmandu #protest | pic.twitter.com/kWXis1WP8e
— Aman Verma (@aman9950) September 8, 2025
सवाल सोशल मीडिया पर बैन से आगे निकल गया
नेपाल की Gen-Z ने 8 सितंबर को पूरे नेपाल में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी और उसे अंजाम भी दिया. भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर सरकार के नियंत्रण के विरोध में मैतीघर, काठमांडू और देश भर के अन्य प्रमुख शहरों में प्रदर्शन किया जा रहा है. इनके आंदोलन का लक्ष्य नेताओं को जवाबदेह बनाना, नागरिकों की स्वतंत्रता की रक्षा करना और युवा लोगों की निराशा को आवाज देना है.
नेपाल में हालात बेकाबू। युवा सड़कों पर।सरकार पर आरोप,वाह उनकी आवाज दबानी चाहती है। करप्ट है।सेना सड़कों पर। प्रोटेस्ट में कई युवा घायल! pic.twitter.com/sbElj06D1i
— Narendra Nath Mishra (@iamnarendranath) September 8, 2025
24 वाल के छात्र युजन राजभंडारी ने न्यूज एजेंसी एएफपी पर कहा, “सोशल मीडिया पर बैन से हम उत्तेजित हो गए हैं, लेकिन यही एकमात्र कारण नहीं है कि हम यहां जमा हुए हैं. हम नेपाल में संस्थागत हो चुके भ्रष्टाचार का विरोध कर रहे हैं.”
जब से नेपाल में सोशल मीडिया बैन हुआ है आम नेपालियों के संघर्ष और नेताओं के बच्चों के आलिशान जीवन, उनके लग्जरी सामान और विदेशों में छुट्टियां मनाने वाले वीडियो टिकटॉक पर वायरल हो गए हैं. नेपाल में टिकटॉक अभी भी चल रहा है.
प्रदर्शन करती भूमिका भारती ने कहा, “भ्रष्टाचार के खिलाफ विदेशों में आंदोलन हुए हैं और उन्हें (सरकार को) डर है कि ऐसा इस बार भी हो सकता है.”
रविवार को एक बयान में, सरकार ने कहा कि वह विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करती है और “उनके संरक्षण और निर्बाध उपयोग के लिए एक वातावरण बनाने” के लिए प्रतिबद्ध है. लेकिन उसने साथ ही कहा कि उसके लिए देश पहले हैं और वो उससे कोई समझौता नहीं करेगी.
कई इलाकों में लागू किया गया कर्फ्यू
राजधानी काठमांडू में उग्र प्रदर्शन और बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रशासन ने कई इलाकों में कर्फ्यू लगाने की घोषणा कर दी है. अभी तक युवाओं ने संसद भवन को घेर लिया है. युवाओं के प्रदर्शन को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की भी तैनाती की गई है. युवाओं के प्रदर्शन के बीच नेपाल की सरकार अपने अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग कर रही है.

प्रदर्शनकारियों पर दागे गए आंसू गैस के गोले
काठमांडू में युवाओं का प्रदर्शन हर बीतते घंटे के साथ और बढ़ता जा रहा है. हजारों की संख्या में युवा सरकार के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इन प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षा बल हर तरह की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन प्रदर्शनकारी लागातर उग्र होते दिख रहे हैं. प्रदर्शनकारियों को उग्र होता है देख पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे हैं.
जगह-जगह की गई बैरिकेडिंग
प्रदर्शनकारियों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए अलग-अलग इलाकों और खासकर पीएम आवास व अन्य बड़े नेताओं और अफसरों के आवास के बाहर बैरिकेडिंग की गई है. पुलिस लगातार कोशिश कर रही है कि कैसे भी करके प्रदर्शनकारियों को रोका जा सके. सूत्र बता रहे हैं कि अगर हालात काबू में नहीं आए तो सेना को भी बुलाया जा सकता है.
आपको बता दें कि नेपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया है. जिसके बाद नेपाल में फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और एक्स को बंद किया जा रहा है. ये फैसला सरकार की तरफ से दी गई एक हफ्ते की डेडलाइन पूरी होने के बाद लिया गया है, इससे पहले नेपाल सरकार ने सभी कंपनियों को एक हफ्ते में रजिस्ट्रेशन करने का वक्त दिया था.