
बड़े शहरों में पार्किंग की समस्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश नगर निगम ने अपनी नियमावली में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य शहरों में पार्किंग व्यवस्था को सुविधाजनक और बेहतर बनाना है।
उत्तर प्रदेश नगर निगम की “पार्किंग स्थान का निर्माण, अनुरक्षण और प्रचालन नियमावली 2025” को 4 सितंबर को सदन की बैठक में पेश किया जाएगा। इस नियमावली में पार्किंग से जुड़ी कई नई व्यवस्थाओं का प्रावधान किया गया है।
कहां और कैसे होगी पार्किंग
नए नियमों के तहत अब शहर की 12 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़कों और गलियों में पंक्तिबद्ध तरीके से पार्किंग की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा, सार्वजनिक सड़कों पर रात के समय चार पहिया वाहनों को खड़ा करने की इजाजत भी दी जा सकती है, जिसके लिए निर्धारित शुल्क लिया जाएगा।
पार्किंग स्थलों का चयन, समय सीमा और शुल्क का निर्धारण पार्किंग प्रबंध समिति करेगी। नियमावली के अनुसार, कोई भी व्यक्ति निर्धारित पार्किंग स्थलों के अलावा कहीं और वाहन खड़ा नहीं कर सकेगा।
पार्किंग में नई सुविधाएं
नगर निगम की अनुमति से ही निजी और वाणिज्यिक स्थलों पर पार्किंग संचालित की जा सकेगी। इसके अलावा, पार्किंग स्थलों की क्षमता बढ़ाने और बहुमंजिला पार्किंग निर्माण पर जोर दिया जाएगा।
घनी आबादी वाले और पुराने इलाकों में मैकेनिकल पार्किंग प्रणाली लागू की जाएगी। पार्किंग में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग सुविधा भी दी जाएगी ताकि वाहन पार्किंग के दौरान चार्ज हो सकें। भूमिगत पार्किंग का निर्माण इस तरह से किया जाएगा कि भूतल का 95% क्षेत्र हरित बना रहे।
वैकल्पिक स्थलों जैसे फ्लाईओवर के नीचे, मेला क्षेत्र और अन्य सार्वजनिक जगहों पर भी पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।