
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत देते हुए गेहूं बिक्री प्रक्रिया को बेहद आसान बना दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब किसान बिना किसी सत्यापन के 100 क्विंटल से अधिक गेहूं बेच सकेंगे। इस फैसले से किसानों को अनावश्यक प्रक्रियाओं से छुटकारा मिलेगा और उन्हें गेहूं बेचने में कोई रुकावट नहीं आएगी।
अब नहीं होगा किसी तरह का झंझट, आसान होगी बिक्री प्रक्रिया
सरकार ने सत्यापन की बाध्यता को खत्म कर किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है। अनुमानित उत्पादन के तीन गुने तक किसान बिना किसी दिक्कत के गेहूं बेच सकेंगे। अगर अभिलेखों में कोई त्रुटि हो भी, तो उससे बिक्री में कोई समस्या नहीं होगी। खाद्य विभाग ने सत्यापन प्रक्रिया को भी सरल बना दिया है ताकि किसानों को जल्द से जल्द लाभ मिल सके।
क्रय केंद्रों पर किसानों के लिए बेहतर सुविधाएं
राज्यभर में क्रय केंद्रों को ऑनलाइन चालू कर दिया गया है और 15 जून तक गेहूं की खरीद जारी रहेगी। किसानों की सुविधा के लिए केंद्रों पर पीने के पानी, बैठने और पार्किंग की उचित व्यवस्था की गई है। अब किसान न सिर्फ अपने जिले में, बल्कि आस-पास के अन्य जिलों के क्रय केंद्रों पर भी गेहूं बेच सकते हैं।
भुगतान में पारदर्शिता और तेजी
किसानों को गेहूं की बिक्री के 48 घंटे के भीतर भुगतान किया जाएगा। सभी क्रय केंद्रों पर सूचनात्मक पोस्टर और बैनर लगाए जाएंगे ताकि किसानों को जरूरी जानकारी समय से मिल सके।