लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अनुसूचित जाति और जनजाति के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास की सुविधाएं काफी मददगार साबित हो रही हैं। अपने घरों से दूर रहकर शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों की आवासीय समस्याओं को दूर करने के लिए योगी सरकार समाज कल्याण विभाग के माध्यम से छात्रावासों का निर्माण और संचालन कर रही है। इन छात्रावासों में न केवल निःशुल्क आवास की सुविधा दी जा रही है, बल्कि फर्नीचर, खेल सामग्री और विद्युत जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं।
261 छात्रावासों से मिल रहा है लाभ
प्रदेश में सरकार 261 छात्रावासों का संचालन कर रही है, जिनमें 178 छात्रावास बालकों के लिए और 83 बालिकाओं के लिए आरक्षित हैं। इन छात्रावासों में निःशुल्क सुविधाओं का लाभ पाकर हजारों विद्यार्थी अपने भविष्य को संवारने की ओर अग्रसर हैं। यह पहल वंचित और गरीब वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षा के माध्यम से समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का एक सराहनीय प्रयास है।
8 हजार से अधिक विद्यार्थी उठा रहे सुविधा का लाभ
समाज कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में इन छात्रावासों से 8,000 से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं। इनके संचालन पर अब तक सरकार लगभग 25 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। पिछली वित्तीय वर्षों में भी सरकार ने विद्यार्थियों की जरूरतों को प्राथमिकता दी है। वर्ष 2022-23 में 9,000 विद्यार्थियों के लिए करीब 27 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, जबकि 2023-24 में 8,500 विद्यार्थियों पर यह आंकड़ा 38 करोड़ रुपये से अधिक था।