
मेरठ। योगी सरकार की शिक्षा विरोधी नीति के खिलाफ आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी के नेतृत्व में सैकड़ों पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने कमिश्नरी पार्क से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक जोरदार प्रदर्शन किया। इसके उपरांत, राज्यपाल के नाम ज्ञापन संबंधित अधिकारी को सौंपकर इस शासनादेश को तत्काल रद्द करने की माँग की।
अंकुश चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का 16 जून 2025 का शासनादेश, जिसमें 27,000 प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर पास के स्कूलों में विलय करने का फैसला लिया गया, गरीब, दलित, और वंचित बच्चों के भविष्य पर सीधा हमला है। अंकुश चौधरी ने योगी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “यह सरकार पाठशालाएँ बंद कर मधुशालाएँ खोलने में माहिर है। 2024 में 27,308 मधुशालाएँ खोली गईं, और अब 27,000 स्कूलों पर ताले लगाने की साजिश है। यह मधुशाला बनाम पाठशाला की जंग है, और उत्तर प्रदेश की जनता अपने बच्चों के लिए पाठशाला की हकदार है, न कि मधुशाला की गुलाम!” यह शासनादेश शिक्षा के अधिकार (RTE) अधिनियम का घोर उल्लंघन है, जो 1 किलोमीटर के दायरे में स्कूल को अनिवार्य करता है।
आदेश में छात्र संख्या की कोई स्पष्ट सीमा नहीं है 10 से 20 बच्चों की संख्या वाले स्कूल 20 से 50 बच्चों की संख्या वाले स्कूल यहाँ तक कि 50 से अधिक छात्रों वाले स्कूल भी बंद किए जा रहे हैं। पहले ही 26,000 स्कूल बंद हो चुके हैं, और अब 27,000 और बंद होने से 1,35,000 सहायक शिक्षकों, 27,000 प्रधानाध्यापकों, शिक्षामित्रों और रसोइयों की नौकरियाँ दाँव पर हैं। लाखों बच्चे शिक्षा से वंचित होंगे, और टीईटी उत्तीर्ण नौजवान बेरोजगारी और अवसाद के शिकार होंगे। योगी सरकार सरकारी स्कूलों को कुचलकर मानकविहीन निजी स्कूलों को मान्यता दे रही है, जिससे शिक्षा का निजीकरण चरम पर है। मिड-डे मील में नमक-रोटी और कीड़े-मकोड़े परोसकर सरकार गरीब बच्चों को स्कूल से भगा रही है।
चौधरी ने तंज कसते हुए कहा, “मधुशालाओं की चमक में पाठशालाएँ मलबे में दब रही हैं। योगी जी का ‘शिक्षा मॉडल’ निजी स्कूल मालिकों को मालामाल और गरीब बच्चों को अशिक्षा के अंधकार में धकेल रहा है। आम आदमी पार्टी माँग करती है कि यह शासनादेश तुरंत रद्द हो, RTE के तहत 1 किलोमीटर में स्कूल सुनिश्चित हों, मिड-डे मील की गुणवत्ता सुधरे, और स्कूलों में भवन, शिक्षक व शिक्षण सामग्री दी जाए। दिल्ली और पंजाब में आप ने विश्वस्तरीय सरकारी स्कूल बनाए, जहाँ प्राइवेट स्कूलों के बच्चे भी पढ़ने आते हैं।
योगी सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती? चौधरी ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी, “RTE पर बुलडोजर चलाने वाली इस सरकार को जनता करारा जवाब देगी। यदि यह फैसला वापस नहीं हुआ, तो आप गांव-गांव, गली-गली और जिला स्तर पर उग्र आंदोलन छेड़ेगी। हम उत्तर प्रदेश के बच्चों का भविष्य बर्बाद नहीं होने देंगे।
विरोध प्रदर्शन में महानगर अध्यक्ष अंकित गिरी, जिला उपाध्यक्ष हबीब अंसारी, किसान प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष फुरकान त्यागी, शिक्षक प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष हेम कुमार, इस्माइल त्यागी, मनोज शर्मा, वैभव मलिक, यासीन मलिक, जीएस राजवंशी, देव अग्रवाल, हर्ष वशिष्ठ, फलक चौहान, रियाजुद्दीन, रंजन तिवारी, शिवकुमार, सचिन वाल्मीकि, अशफाक अंसारी, युनुस अंसारी, तरीकत पवार, इंतजार अली, गुरमिंदर सिंह, फारूक किदवई,भारत लाल यादव, मुन्नी देवी, मंजू यादव, दीपा, सलीम मंसूरी, युसूफ पहलवान, देव अग्रवाल, हर्ष वशिष्ठ, भूप सिंह, नदीम, अलाउद्दीन आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।