
सेतुबंधासन, जिसे अंग्रेज़ी में Bridge Pose कहा जाता है, एक बेहतरीन योगासन है जो न सिर्फ शारीरिक मजबूती देता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है। यह योगाभ्यास खासतौर पर रीढ़ की हड्डी, पीठ और कंधों के लिए बेहद लाभकारी है।
अगर आप पीठ दर्द, तनाव या थकान से जूझ रहे हैं, तो यह आसन आपकी दिनचर्या में शामिल होना ही चाहिए।
ब्रिज पोज कैसे करें?
ब्रिज पोज को करने की विधि सरल है, लेकिन सही तकनीक से करना जरूरी है:
- पीठ के बल लेट जाएं और घुटनों को मोड़ लें।
- दोनों पैरों को फर्श पर टिकाएं, एड़ियां नितंबों के पास रहें।
- हाथों को शरीर के बगल में रखें, हथेलियां नीचे की ओर रहें।
- अब धीरे-धीरे कूल्हों को ऊपर उठाएं, जितना संभव हो।
- शरीर का भार कंधों, हाथों और पैरों पर टिकाएं।
- कुछ सेकंड इस स्थिति में रुकें और फिर धीरे-धीरे वापस नीचे आएं।
सांस लेने का ध्यान रखें: ऊपर उठते समय गहरी सांस लें, और नीचे आते वक्त धीरे-धीरे छोड़ें।
ब्रिज पोज के फायदे
- 🔹 रीढ़ की हड्डी को लचीलापन मिलता है
- 🔹 पीठ दर्द में राहत मिलती है
- 🔹 छाती, कंधे और गर्दन की मांसपेशियां मजबूत होती हैं
- 🔹 तनाव और चिंता कम होती है
- 🔹 ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे चेहरे पर निखार आता है
- 🔹 ऊर्जा और मनोबल में वृद्धि होती है
क्या सावधानियां बरतें?
- अगर आपकी गर्दन, पीठ या कमर में पहले से चोट है, तो बिना विशेषज्ञ सलाह के इसे न करें।
- अभ्यास धीरे-धीरे करें और शरीर की क्षमता को समझें।
- गर्भवती महिलाएं और उच्च रक्तचाप से ग्रस्त लोग इसे करते समय विशेष ध्यान दें या डॉक्टर की सलाह लें।
- खिंचाव महसूस हो तो तुरंत रुक जाएं।
ब्रिज पोज के वेरिएशन और संयोजन
- एक पैर उठाकर ब्रिज पोज
- हाथों से कमर को सहारा देकर ब्रिज पोज
- इसे कैट-काउ स्ट्रेच और चाइल्ड पोज जैसे योगासनों के साथ मिलाकर करें। इससे आपकी योग प्रैक्टिस और भी प्रभावी बनेगी।