
हर साल 21 जून को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन सिर्फ योग की शक्ति को दुनिया तक पहुंचाने का ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की विविधता को प्रदर्शित करने का भी एक अवसर बन गया है। इस मौके पर जब-जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योग करते हैं, उनका पहनावा और खास अंदाज़ लोगों का ध्यान खींच लेता है।
विशाखापट्टनम में 11वां योग दिवस: सफेद-नीले ट्रैक सूट में पीएम मोदी
2025 में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस प्रधानमंत्री मोदी ने विशाखापट्टनम में मनाया। इस दौरान उन्होंने सफेद और नीले रंग का ट्रैक सूट पहना, जिसमें उनका सहज और व्यावहारिक अंदाज़ दिखा। लेकिन एक बार फिर सबसे ज्यादा चर्चा में रहा — उनका गले में पड़ा पारंपरिक गमछा, जिसे असम में गमोसा कहा जाता है।
क्या है असमिया गमोसा?

गमोसा (या गमछा) असम की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह आमतौर पर सफेद कपड़े पर लाल या नीली पारंपरिक बुनाई से बना होता है। ‘गमोसा’ का शाब्दिक अर्थ है — ‘शरीर पोंछने वाला कपड़ा’। लेकिन असम में इसका महत्व केवल उपयोग तक सीमित नहीं है, यह आदर, स्वागत और सम्मान का प्रतीक माना जाता है।
असम के हर पारंपरिक उत्सव — चाहे वह बिहू हो, कोई विवाह समारोह हो या सांस्कृतिक कार्यक्रम, गमोसा का उपयोग आदर भाव के साथ किया जाता है।
पीएम मोदी और उनका गमोसा प्रेम

प्रधानमंत्री मोदी वर्षों से हर योग दिवस पर असमिया गमोसा को अपने पहनावे का हिस्सा बनाते आए हैं। यह केवल एक पारंपरिक वस्त्र नहीं, बल्कि देश की विविध संस्कृति को आत्मसात करने का प्रतीक बन गया है।
2025 में भी उन्होंने अपने ट्रैक सूट के साथ वही पारंपरिक गमोसा पहना — सफेद बेस पर लाल-नीली बुनी कढ़ाई वाला कपड़ा, जो उन्हें न केवल एक भारतीय पहचान देता है, बल्कि एक संदेश भी देता है — भारतीय संस्कृति और विविधता का सम्मान।
गमोसा की खासियतें
- 100% कॉटन या हैंडमेड सिल्क से बना होता है।
- यह त्वचा के लिए सुरक्षित (स्किन फ्रेंडली) होता है और किसी भी प्रकार की एलर्जी नहीं करता।
- पसीना सोखने में बेहद प्रभावी और गर्मी में आरामदायक होता है।
- इसके धागों के रंग इतने पक्के होते हैं कि धुलाई के बाद भी फीके नहीं पड़ते।
- असली असमिया गमोसा की कीमत लगभग ₹2,000 से ₹3,000 या उससे अधिक होती है।
ये भी पढ़े – Uttarakhand : राष्ट्रपति मुर्मु ने देहरादून में किया योग, कहा-देश के योग, चेतना और विरासत का केंद्र है उत्तराखंड