- अपने मोक्ष के लिए तरस रही मां यमुना
- नालों का गिरता पानी बन चुका है यमुना की पहचान।
मथुरा(वृंदावन) कान्हा की नगरी में कृष्ण प्रिया मोक्षदायिनी यमुना का जयंती महोत्सव गुरुवार यानि यमुना छठ पर श्रद्धा व आस्था के साथ मनाया जायेगा। प्रशासन से लेकर धर्माचार्यो द्वारा यमुना प्रदूषण मुक्ति का संकल्प लिया जाएगा।लेकिन हकीकत में यमुना खुद अपने मोक्ष के लिये तरस रही है। जहरीला पानी, घाटों पर गंदगी का अंबार व शहर के नालों का गिरता पानी यमुना की पहचान बन चुकी है। जी हाँ यह वही यमुना महारानी है। जिसको द्वापर काल में कालिय नाग के जहरीले प्रदूषण से मुक्त कराने के लिये स्वयं भगवान कृष्ण ने यमुना में छलांग लगा दी थी। जिस यमुना के शुद्धिकरण को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में अपना प्रमुख चुनावी एजेंडा बताया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई मर्तबा मथुरा की जनता से यमुना को प्रदूषण मुक्त कराने का वायदा किया था। वही लाखो भक्तो की आस्था का केंद्र यमुना के हालात बद से बदतर होते जा रहे है। पानी इतना प्रदूषित व दुर्गंध युक्त है कि बाहर से आने वाले श्रद्धालु आचमन करने से भी बचते है। लेकिन प्रशासन हर बार की तरह फौरी तौर पर नाले बन्द कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेता है। हर बार की तरह यमुना प्रदूषण मुक्ति को लेकर वायदों का दौर चलेगा और यमुनाभक्त इन्ही वायदों के सहारे मां यमुना महारानी का पूजन वंदन कर पुण्यलाभ अर्जित करेंगे।