
लखनऊ। जनपद में शनिवार को विश्व क्षय रोग दिवस मनाया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी कार्यालय के सभागार में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी विशाख जी ने टीबी मुक्त होने वाली 56 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। साथ ही, तीन निक्षय मित्रों को भी उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि टीबी मुक्त हुई ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधि अन्य ग्राम प्रधानों को प्रोत्साहित करें कि वे भी अपनी पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने के प्रयास करें। उन्होंने सुझाव दिया कि शहरी क्षेत्रों में सहयोगी संस्थाएं टीबी मुक्त वार्ड के संदर्भ में सभासदों का सहयोग करें। जिलाधिकारी ने सभी को टीबी मुक्त जनपद बनाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन.बी. सिंह ने कहा कि जनपद में कुल आठ ब्लॉकों में 491 पंचायतें हैं, जिनमें से 56 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो चुकी हैं। उनका प्रयास है कि जल्द से जल्द सभी 491 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हों।
डॉ. सिंह ने बताया कि बक्शी का तालाब ब्लॉक में 32, सरोजनीनगर में 12, माल ब्लॉक में 7, मलिहाबाद और काकोरी में 2-2, तथा गोसाईगंज में 1 ग्राम पंचायत टीबी मुक्त हो गई है।

सम्मानित निक्षय मित्र
- पावर विंग्स फाउंडेशन: 395 टीबी रोगियों को गोद लिया।
- स्वयंसिद्धा वेलफेयर फाउंडेशन: 205 टीबी रोगियों का सहयोग किया।
- प्रदीप गंगवार, नर्सिंग उपचिकित्सा अधीक्षक, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय: 101 टीबी रोगियों का सहयोग किया।
इस अवसर पर मेदांता फाउंडेशन को भी टीबी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. ए.के. सिंघल, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के सदस्य, तथा विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
सर्वे में पूछे गए प्रश्न
- गाँव में टीबी के कुल कितने मरीज हैं?
- कितने टीबी मरीजों की जांच की गई है?
- चिन्हित टीबी मरीजों में से कितनों का इलाज चल रहा है?
- टीबी मरीजों के संपर्क में आए कितने लोगों को टीबी से बचाव की दवा दी जा रही है?
- निक्षय पोषण योजना के तहत कितने लोगों को भुगतान किया गया है?
टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के मानक
- प्रति हजार आबादी पर 30 टीबी मरीजों की जांच।
- प्रति एक हजार की आबादी पर एक टीबी मरीज का पंजीकरण होना चाहिए।
- कम से कम 60 प्रतिशत मरीजों की ड्रग सेंसिटिविटी की जांच होनी चाहिए।
- पिछले वर्ष पंजीकृत कुल टीबी मरीजों में से 85 प्रतिशत मरीज ठीक होने चाहिए।
टीबी मुक्त ग्राम पंचायतें
बक्शी का तालाब (32 पंचायतें)
- बगहा, बहारगांव, बनौगा, बीबीपुर, चांदपुर, खानीपुर, दौलतपुर, गोधना, नरोसा, मोहम्मदपुर गढ़ी, पलिया, पालपुर, राजापुर सलेमपुर, रेवामऊ, सराय दामू, शिवांशीपुर, सहादतनगर गढ़ा, सुभाननगर अरिगवाँ, टिकारी, अचरामऊ, पैरा, कापसी, कौड़ियामऊ, पहाड़पुर, रजौली, सिवान, भाखामऊ, डिगोई, दुर्जनपुर, मिश्रीपुर, बाराख़ेमपुर, हरधौरपुर और रामपुर बहेरा।
सरोजनी नगर (12 पंचायतें)
- बीबीपुर, दादूपुर, माती, खासरपुर, पहाड़पुर, परवर पूरब, पिपरसंड, बेटी, भटगांव पांडे, हरौनी, तेरवा और सराय सहजादी।
माल (7 पंचायतें)
- अकबरपुर, बसंतपुर, भानपुर, गुमसेना, देवारीगंज, जिंदाना, खरसरा।
मलिहाबाद (2 पंचायतें)
- बड़ी गादी और हटौली।
काकोरी (2 पंचायतें)
- जगतापुर और काकराबाद।
गोसाईगंज (1 पंचायत)
- इचवईल्या पहासा।