
नई दिल्ली। ओलंपियन और मौजूदा मिश्रित टीम पिस्टल विश्व चैम्पियन ईशा सिंह ने अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) विश्व कप राइफल/पिस्टल, निंगबो (चीन) में शानदार प्रदर्शन करते हुए महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर भारत को प्रतियोगिता का पहला पदक दिलाया। निंगबो ओलंपिक स्पोर्ट्स सेंटर में हुए फाइनल में ईशा ने मेज़बान चीन की पसंदीदा और फ़ॉर्म में चल रही याओ चियानसुन को मात्र 0.1 अंकों से पछाड़ा। वहीं, इस स्पर्धा की मौजूदा ओलंपिक चैंपियन कोरिया की ओ येजिन को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
पहली बार विश्व कप एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण जीतने के बाद ईशा ने कहा, “मैं बहुत खुश हूं क्योंकि एयर पिस्टल वही स्पर्धा है जिससे मैंने शूटिंग की शुरुआत की थी। इसमें विश्व कप स्वर्ण जीतना मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। मेरे कुछ लक्ष्य पूरे होते देख अच्छा लग रहा है।”
आगे की चुनौतियों पर उन्होंने कहा, “इस साल का अगला बड़ा लक्ष्य विश्व चैम्पियनशिप है। हम उसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और मुझे यक़ीन है कि काहिरा में भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहतरीन रहेगा।”
फाइनल के दौरान मानसिकता पर बात करते हुए ईशा बोलीं, “हाँ, मुझे पता था कि भारत को अब तक कोई पदक नहीं मिला है और मुकाबले में विश्व स्तरीय निशानेबाज हैं। लेकिन मैं इन खिलाड़ियों के ख़िलाफ़ कई बार फाइनल खेल चुकी हूँ और अब मुझे विश्वास है कि पिस्टल मेरे हाथ में है और असली लड़ाई मेरे खुद के साथ है। इसलिए मैं मैच को ज़्यादा से ज़्यादा एंजॉय करने की कोशिश करती हूँ।”
ईशा और रिदम सांगवान ने 578 अंक बनाकर महिलाओं की एयर पिस्टल फाइनल के अंतिम दो स्थान हासिल किए। याओ चियानसुन 584 के स्कोर के साथ शीर्ष पर रहीं। वहीं, केवल रैंकिंग अंक के लिए खेल रही एशियाई खेलों की चैम्पियन पलक गुलिया ने शानदार 586 अंक बनाए, जो सभी से बेहतर था। भारत की तीसरी प्रतिभागी सुरभि राव 568 अंक बनाकर 25वें स्थान पर रहीं। आठ निशानेबाजों के फाइनल में ईशा और रिदम ने अच्छी शुरुआत की। पहले पांच शॉट के बाद रिदम शीर्ष पर थीं और ईशा दूसरे स्थान पर, जबकि हंगरी की पेरिस ओलंपिक पदक विजेता वेरोनिका मेजर पीछा कर रही थीं।
दूसरे सीरीज़ के बाद ईशा 0.2 अंकों की बढ़त से शीर्ष पर आ गईं। रिदम पाँचवें स्थान पर खिसक गईं और अंत तक उसी पर रहीं। सिंगल शॉट शुरू होने पर दबाव का असर ओलंपिक चैम्पियन ओ येजिन पर भी दिखा जब उन्होंने 11वें शॉट पर निचले 8 अंक लगाए। 12वें शॉट के बाद चीन की 19 वर्षीय ज़ेंग सबसे पहले बाहर हुईं। ईशा ने 13वें शॉट पर 10.8 का सटीक निशाना लगाया। रिदम ने भी 15वें शॉट पर 10.8 मारकर कुछ समय के लिए चौथे स्थान पर चढ़ाई की, लेकिन 18वें शॉट तक पहुँचते-पहुँचते उनका अभियान समाप्त हो गया।
अंतिम छह शॉट्स में ईशा 1.1 अंकों से आगे थीं, लेकिन 19वें शॉट के बाद याओ ने अंतर घटाकर 0.6 कर दिया। ईशा ने दबाव झेलते हुए लगातार दो 10.7 लगाए और अंत तक 0.1 अंक की नज़दीकी बढ़त बनाए रखी। उन्होंने 242.6 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
दिन की दूसरी स्पर्धा, पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में, भावेश शेखावत 575 अंकों के साथ 22वें स्थान पर रहे। उनके हमवतन प्रदीप सिंह शेखावत भी समान स्कोर के साथ 23वें स्थान पर रहे, जबकि मंदीप सिंह 562 अंकों के साथ 39वें स्थान पर रहे।
ईशा के स्वर्ण के साथ भारत अब पदक तालिका में पाँचवें स्थान पर पहुँच गया है और निंगबो में स्वर्ण जीतने वाले पाँच देशों में शामिल हो गया है। मेज़बान चीन दो स्वर्ण, चार रजत और एक कांस्य के साथ शीर्ष पर है। भारत ने इस विश्व कप में अपने चौथे से छठे क्रमांक के निशानेबाजों को मौका दिया है, जो भविष्य के लिए टीम की गहराई को दर्शाता है।