महिला आयोग ने लिया संज्ञान डीएम और पुलिस आयुक्त से रिपोर्ट देने के आदेश

लखनऊ: बीते सात सितम्बर को चारबाग बस स्टैण्ड से पिंक पुलिस बूथ से एक मानसिक विक्षिप्त महिला से बच्चा छीने जाने के प्रकरण में महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। महिला आयोग ने लखनऊ के जिलाधिकारी व पुलिस आयुक्त को पत्र भेजकर जांच किये जाने का अनुरोध किया है। इधर मां से अलग हुए बच्चे को लेकर मनोवैज्ञानिक चिकित्सक भी मां और बच्चे दोनों को भावनात्मक कष्ट होने के साथ ही बीमार होने का अंदेशा भी जताया है।

महिला आयोग ने दैनिक भास्कर की प्रमुखता से प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए 11 सितम्बर को जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त को इस मामले में जांच कर आख्या देने का अनुरोध किया है। जांच बैठने से लगभग तीन माह के बच्चे और विक्षिप्त मां को न्याय मिलने की आस जगी है। इसके साथ ही से संभावनाएं भी तेज हो गयी हैं कि मां और बच्चे का मिलन जल्द हो सकेगा।

बच्चे के मां से बिछुड़ने के मामले को लेकर उत्तर प्रदेश सचिवालय डिस्पेन्सरी में तैनात एम.डी मनोचिकित्सक डा.सौरभ कुमार एहलावत ने बताया कि बच्चे को मां से अलग करना मां व बच्चे दोनों के लिए परेशान करने वाला हो सकता है। बच्चा और मां दोनों को मानसिक तनाव होगा और बच्चे का स्वास्थ्य खराब होने की आशंका है। बच्चे को मां का प्यार व दुलार न मिलने से बच्चे में चिड़चिड़ापन बढ़ेगा। राजधानी में ऐसी कई एनजीओ हैं जो मां और बच्चे दोनों की देखरेख करती हैं।

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