
आजकल के लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण कई बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। खासकर महिलाओं के लिए, कुछ बीमारियां अधिक चिंता का कारण बन सकती हैं। एक ऐसी बीमारी जो भारत में बड़ी संख्या में महिलाओं को प्रभावित करती है, वह है एनीमिया।
क्या है एनीमिया?
एनीमिया तब होता है जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। इससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
आंकड़े बताते हैं कि देश में हर 5 में से 3 महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं, और इसके लक्षणों में थकान, कमजोरी और चक्कर आना शामिल होते हैं। यदि इस पर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
एनीमिया के कारण

एनीमिया के कई कारण हो सकते हैं:
- आहार में कमी: आयरन, विटामिन B12 या फोलेट की कमी, विशेषकर महिलाओं में, एनीमिया का कारण बन सकती है।
- प्रोसेस्ड और जंक फूड: अधिक जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड का सेवन, दिनभर में ज्यादा चाय और कॉफी पीने से आयरन का अवशोषण कम हो सकता है।
- पीरियड्स में अधिक रक्तस्राव: जिन महिलाओं को पीरियड्स में अधिक रक्तस्राव होता है, उन्हें एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है।
- गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान आयरन की अधिक आवश्यकता होती है, और सही पोषण की कमी से एनीमिया हो सकता है।
एनीमिया के लक्षण
एनीमिया के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि आपको निम्नलिखित समस्याओं का सामना हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें:
- लगातार थकान और कमजोरी रहना
- सिरदर्द और चक्कर आना
- त्वचा का पीला पड़ना
- सांस फूलना और दिल की धड़कनों का बढ़ना
- हाथ-पैर का ठंडा रहना
एनीमिया से बचाव के उपाय
एनीमिया से बचने के लिए कुछ सरल आहार और जीवनशैली के बदलाव किए जा सकते हैं:
- आयरन युक्त आहार: हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, सरसों), चुकंदर, अनार, सेब, गुड़ और सूखे मेवे खाएं। इनसे शरीर को आवश्यक आयरन मिलता है।
- प्रोटीन का सेवन: दालें, चना, सोयाबीन और अंकुरित अनाज प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं।
- विटामिन C का सेवन: विटामिन C (नींबू, संतरा, आंवला) वाली चीजें भी खानी चाहिए, क्योंकि यह आयरन के अवशोषण में मदद करती हैं।
- आयरन और फोलिक एसिड की दवाएं: एनीमिया से पीड़ित महिलाओं को डॉक्टर की सलाह पर आयरन और फोलिक एसिड की दवाएं लेनी चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं के लिए: गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से आयरन की गोलियां लेनी चाहिए।
समय-समय पर जांच: महिलाओं को नियमित रूप से खून की जांच करवानी चाहिए ताकि हीमोग्लोबिन का स्तर सही रहे और एनीमिया का इलाज समय पर किया जा सके।