
Uttarakhand : हल्द्वानी में 2013 में हुए एक गंभीर मामले में आखिरकार न्याय मिला है। वर्ष 2013 में दुर्गा सिटी सेंटर स्थित मचान रेस्टोरेंट में खाने के दौरान पानी की बोतल में एसिटिक एसिड मिलाने के कारण महिला धीरज साहनी की तबीयत गंभीर रूप से बिगड़ गई थी।
इस मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट हल्द्वानी आदर्श त्रिपाठी की अदालत ने शुक्रवार को अहम फैसला सुनाते हुए रेस्टोरेंट के संचालक अभियुक्त अखिलेश सेमवाल को दो साल की सजा और पीड़िता को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
साल 2013 की रात, 19 दिसंबर को, धीरज साहनी अपने परिवार के साथ दुर्गा सिटी सेंटर स्थित मचान रेस्टोरेंट में भोजन करने गई थीं। वहां पर परोसे गए पानी की बोतल का पानी पीने के तुरंत बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। बाद में जांच में पता चला कि पानी की बोतल में एसिटिक एसिड मिलाया गया था, जिससे महिला की सेहत प्रभावित हुई।
इस मामले में उप निरीक्षक राजेश कुमार यादव ने विवेचना की, जबकि सहायक अभियोजन अधिकारी शेफाली शर्मा ने कोर्ट में पैरवी की। कोर्ट ने 14 गवाहों के परीक्षण के बाद अभियुक्त अखिलेश सेमवाल को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई और पीड़िता को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।
यह मामला 12 साल बाद न्याय के मंच पर आया है। पीड़िता का स्वास्थ्य गंभीर रूप से प्रभावित हुआ था। कोर्ट का फैसला आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकेत है। यह फैसला शहर में खाद्य सुरक्षा और महिलाओं की सुरक्षा के प्रति जागरूकता को भी बल देता है। अब उम्मीद है कि इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई से अपराधियों में भय और सतर्कता बनी रहेगी।
यह भी पढ़े : ‘हौसलों और हिम्मत की धरती है मणिपुर… दुर्भाग्य से हिंसा ने…’, पीएम मोदी ने बोलते-बोलते हुए भावुक