क्या बदले जाएंगे CM? बिहार चुनाव के बाद कर्नाटक पर नजर, दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री

कर्नाटक की राजनीति में इन दिनों हलचल बढ़ गई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के दिल्ली पहुंचने के बाद राज्य में मंत्रिमंडल फेरबदल की अटकलें और तेज हो गई हैं। इसी बीच खबर है कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात भी की है, जिससे राजनीतिक चर्चाएँ और गर्म हो गई हैं।

दोनों नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल की किताब के विमोचन समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे थे। लेकिन पार्टी सूत्रों की मानें तो इस दौरान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने संगठन से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों और संभावित कैबिनेट फेरबदल को लेकर राहुल गांधी से बातचीत की है।

हाल ही में सिद्धारमैया ने मीडिया से कहा था कि उन्होंने मंत्रिमंडल में बदलाव पर चर्चा के लिए राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि मंत्रिमंडल फेरबदल पर अंतिम निर्णय बिहार चुनाव के बाद ही लिया जाएगा। ऐसे में अब उनकी दिल्ली यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा फिर तेज
उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार की दिल्ली मौजूदगी ने नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को फिर हवा दे दी है। मंत्री ज़मीर अहमद खान ने कहा है कि किसी प्रकार की “नवंबर क्रांति” नहीं होने वाली है। यह शब्द मंत्री एन. राजन्ना ने इस्तेमाल किया था, जिन्होंने संकेत दिया था कि सरकार में कोई बड़ा बदलाव संभव है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई थी।

मंत्री पद की दौड़ में तेज हुई हलचल
कैबिनेट फेरबदल की चर्चाएँ तेज होते ही कई कांग्रेस विधायक सक्रिय हो गए हैं और मंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुट गए हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, एन.ए. हैरिस, रिज़वान अरशद, बी.के. हरिप्रसाद, बेलूर गोपालकृष्ण, एच.सी. बालकृष्ण, सलीम अहमद, आर.वी. देशपांडे, प्रसाद अब्बय्या नागेंद्र, एम. कृष्णप्पा, लक्ष्मण सावदी, ए.एस. पोन्नन्ना, शिवालिंगे गौड़ा, रूपकला शशिधर और मलूर नांजेगौड़ा शीर्ष दावेदारों में शामिल हैं।

अब सबकी निगाहें दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान की होने वाली बैठकों पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि कर्नाटक के मंत्रिमंडल में बदलाव होगा या नहीं — और अगर होगा, तो कितना बड़ा।

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