
मैनचेस्टर टेस्ट के पहले दिन भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत को बल्लेबाजी के दौरान गंभीर चोट लगी। 48 गेंदों में 37 रन बनाकर खेल रहे पंत, क्रिस वोक्स की एक तेज यॉर्कर गेंद पर रिवर्स स्वीप खेलने की कोशिश में चूक गए, और गेंद उनके दाएं पैर की उंगलियों पर जा लगी। चोट इतनी गंभीर थी कि उनके पैर से खून बहने लगा और सूजन भी आ गई। दर्द के कारण वह मैदान पर खड़े नहीं हो पाए और उन्हें गोल्फ कार्ट (मेकशिफ्ट एंबुलेंस) के जरिए मेडिकल सेंटर ले जाया गया। बीसीसीआई ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर बताया कि पंत का स्कैन कराया गया है और उनकी स्थिति पर मेडिकल टीम नजर रख रही है।
पंत को रिटायर्ड हर्ट घोषित किया गया, जिसका मतलब है कि अगर उनकी चोट ठीक होती है और सूजन कम होती है, तो वह इस पारी में दोबारा बल्लेबाजी के लिए उतर सकते हैं, जैसा कि आईसीसी नियम 25.4 के तहत अनुमति है। हालांकि, उनकी विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी अब संदिग्ध है।
पुरानी चोटें: पंत का चोटों से पुराना नाता
ऋषभ पंत का चोटों से बार-बार सामना हुआ है। हाल ही में, इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट (लॉर्ड्स, 10 जुलाई 2025) में विकेटकीपिंग के दौरान जसप्रीत बुमराह की एक वाइड गेंद को रोकने की कोशिश में उनकी इंडेक्स फिंगर चोटिल हो गई थी। इस चोट के कारण वह इंग्लैंड की दूसरी पारी में विकेटकीपिंग नहीं कर पाए, और ध्रुव जुरेल ने उनकी जगह ली। बीसीसीआई ने तब बताया कि पंत मेडिकल टीम की निगरानी में थे, और वह बाद में बल्लेबाजी के लिए उतरे थे, जहां उन्होंने (25 और 65 रन) का उपयोगी योगदान दिया।
इसके अलावा, पंत की आक्रामक बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग शैली के कारण छोटी-मोटी चोटें पहले भी सामने आ चुकी हैं। उनकी चोटों ने भारतीय टीम के लिए बार-बार चिंता बढ़ाई है, खासकर इस सीरीज में जहां उनकी आक्रामक बल्लेबाजी गेम-चेंजर साबित हुई है।
ध्रुव जुरेल लेंगे जगह, लेकिन किस नियम के तहत?
पंत की अनुपस्थिति में ध्रुव जुरेल को सब्स्टीट्यूट विकेटकीपर के रूप में उतारा जा सकता है। 2017 से लागू आईसीसी नियमों के अनुसार, अगर किसी विकेटकीपर को मैदान पर चोट लगती है, तो टीम को एक विशेषज्ञ विकेटकीपर को सब्स्टीट्यूट के रूप में लाने की अनुमति है, लेकिन वह केवल विकेटकीपिंग और फील्डिंग कर सकता है, न कि बल्लेबाजी या गेंदबाजी।
आईसीसी का सब्स्टीट्यूट नियम
आईसीसी नियम 24.1 के तहत, सब्स्टीट्यूट फील्डर की अनुमति तब मिलती है जब कोई खिलाड़ी मैदान पर चोटिल होता है या बीमार पड़ता है। हालांकि, यह सब्स्टीट्यूट केवल फील्डिंग या विकेटकीपिंग कर सकता है। बल्लेबाजी या गेंदबाजी के लिए सब्स्टीट्यूट की अनुमति केवल कन्कशन (सिर की चोट) के मामले में दी जाती है।
कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम क्या है ?
कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम के अनुसार, अगर किसी खिलाड़ी को सिर पर चोट लगती है और वह खेल जारी रखने में असमर्थ होता है (उदाहरण के लिए, चक्कर आना या धुंधला दिखाई देना), तो टीम को उसी भूमिका वाला खिलाड़ी (बल्लेबाज, गेंदबाज, या विकेटकीपर) रिप्लेसमेंट के रूप में मिल सकता है। यह खिलाड़ी बल्लेबाजी, गेंदबाजी, और फील्डिंग कर सकता है। लेकिन पंत की चोट पैर पर है, न कि सिर पर, इसलिए भारत को कन्कशन सब्स्टीट्यूट नहीं मिलेगा। इसका मतलब है कि ध्रुव जुरेल केवल विकेटकीपिंग और फील्डिंग कर सकते हैं, लेकिन बल्लेबाजी नहीं।
इसके परिणामस्वरूप, अगर पंत बल्लेबाजी के लिए नहीं लौट पाते, तो भारत को केवल 10 बल्लेबाजों के साथ खेलना होगा, जो टीम के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।
विवाद और सवाल
पंत की चोट ने क्रिकेट नियमों और कन्कशन सब्स्टीट्यूट को लेकर चर्चा छेड़ दी है। कुछ फैंस और विश्लेषकों का मानना है कि गंभीर चोटों (जैसे पंत की पैर की चोट) के लिए भी कन्कशन जैसे नियम लागू होने चाहिए, ताकि टीम को पूर्ण रिप्लेसमेंट मिल सके। यह विवाद इसलिए भी उठा क्योंकि पंत की चोट गंभीर दिख रही थी, और पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने कहा कि अगर पंत नहीं लौटे, तो इंग्लैंड को मैच का रुख मोड़ने का मौका मिल सकता है।
सोशल मीडिया पर फैंस ने सवाल उठाए कि क्या आईसीसी के नियमों में बदलाव की जरूरत है, खासकर जब कोई प्रमुख खिलाड़ी गैर-कन्कशन चोट के कारण बाहर हो जाता है। हालांकि, कोई विशिष्ट व्यक्ति या संगठन खुले तौर पर नियमों को चुनौती नहीं दे रहा है, लेकिन यह चर्चा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर गर्म है।
क्या पंत लौट सकते हैं?
बीसीसीआई और भारतीय टीम को उम्मीद है कि पंत की चोट गंभीर नहीं होगी। अगर स्कैन रिपोर्ट सामान्य आती है, तो पंत दोबारा बल्लेबाजी के लिए उतर सकते हैं। रिटायर्ड हर्ट होने के कारण, वह पारी में बाद में बल्लेबाजी कर सकते हैं, बशर्ते उनकी चोट ठीक हो। हालांकि, विकेटकीपिंग के लिए उनकी वापसी मुश्किल लग रही है, और ध्रुव जुरेल संभवत: इस जिम्मेदारी को निभाएंगे।
ऋषभ पंत की चोट ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए मैनचेस्टर टेस्ट में एक नई चुनौती पेश की है। ध्रुव जुरेल उनकी जगह विकेटकीपिंग कर सकते हैं, लेकिन आईसीसी नियमों के तहत वह बल्लेबाजी नहीं कर पाएंगे। पंत की चोट और उनके पिछले चोटों के इतिहास ने फैंस और विश्लेषकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। अगर पंत बल्लेबाजी के लिए नहीं लौट पाए, तो भारत को रणनीतिक रूप से बदलाव करना होगा। इस बीच, क्रिकेट नियमों पर उठ रहे सवाल भविष्य में बदलाव की मांग को और मजबूत कर सकते हैं।
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