
इस्लामाबाद आज (14 अगस्त) पाकिस्तान का 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने देशवासियों को बधाई दी, लेकिन अपने बयान में भारत पर निशाना साधना भी नहीं भूले। उन्होंने पाकिस्तान के गठन को ‘द्वि-राष्ट्र सिद्धांत’ की जीत बताया और हालिया तनाव का जिक्र किया।
दिलचस्प बात यह है कि भारत और पाकिस्तान—दोनों को ही ब्रिटिश शासन से आज़ादी एक ही तारीख, 15 अगस्त 1947 को मिली थी। फिर सवाल उठता है—अगर आज़ादी एक ही दिन मिली, तो पाकिस्तान 14 अगस्त को और भारत 15 अगस्त को क्यों मनाता है?
आइए इस पूरे किस्से को शुरुआत से समझते हैं।
शुरुआत में पाकिस्तान भी 15 अगस्त को मनाता था
ब्रिटिश संसद ने 4 जुलाई 1947 को इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट पास किया। इसके मुताबिक, 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश राज खत्म होगा और दो नए देश—भारत और पाकिस्तान—का जन्म होगा।
पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने अपने पहले रेडियो संबोधन में साफ कहा था—
“15 अगस्त स्वतंत्र और संप्रभु पाकिस्तान का जन्मदिन है।”
यानी शुरुआत में पाकिस्तान ने भी 15 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया था।
तो फिर तारीख क्यों बदली?
लॉर्ड माउंटबेटन का बिज़ी शेड्यूल
भारत और पाकिस्तान—दोनों देशों की सत्ता हस्तांतरण की जिम्मेदारी ब्रिटिश भारत के आखिरी वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन के पास थी।
- 15 अगस्त की आधी रात को उन्हें दिल्ली में भारत की स्वतंत्रता घोषणा में शामिल होना था।
- इससे पहले 14 अगस्त को वे कराची गए, जहां उन्होंने पाकिस्तान को औपचारिक रूप से सत्ता सौंपी।
यही वजह मानी जाती है कि पाकिस्तान ने 14 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस तय कर लिया।
जिन्ना और कैबिनेट का फैसला
एक दूसरी थ्योरी कहती है कि पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तय हुआ कि पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस भारत से एक दिन पहले होगा।
जिन्ना ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी और तारीख 14 अगस्त कर दी गई।
रमज़ान का धार्मिक महत्व
धर्म पाकिस्तान की स्थापना का मुख्य आधार था। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, 14 अगस्त 1947 की रात रमज़ान के 27वें दिन थी, जिसे शबे-क़द्र कहते हैं—इस्लाम में इसे बेहद पवित्र माना जाता है।
धार्मिक दृष्टि से भी यह तारीख पाकिस्तान के लिए खास बन गई।
समय का फर्क
भारत का मानक समय (IST) पाकिस्तान से 30 मिनट आगे है। जब दिल्ली में 15 अगस्त की आधी रात को आज़ादी की घोषणा हुई, तब पाकिस्तान में 14 अगस्त रात 11:30 बजे थे। इसीलिए पाकिस्तान ने इसे 14 अगस्त के रूप में मनाना शुरू किया।
भारत के लिए 15 अगस्त ही क्यों चुना गया?
असल में, भारत को आज़ादी देने की शुरुआती तारीख 30 जून 1948 तय थी। लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्य की कमजोर स्थिति, भारत में बढ़ता असंतोष, और लॉर्ड माउंटबेटन की रणनीति ने तारीख को 15 अगस्त 1947 कर दिया। माउंटबेटन के मुताबिक, उन्होंने यह तारीख इसलिए चुनी क्योंकि इसी दिन 1945 में जापान ने द्वितीय विश्व युद्ध में आत्मसमर्पण किया था—जो ब्रिटिश साम्राज्य के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता था।