आखिर क्यों…कई बार मैथिली ठाकुर के परिवार को बदलना पड़ा अपना घर…जाने बड़ी वजह

Maithili Thakur : बिहार की अलीनगर विधानसभा सीट अब मैथिली ठाकुर के नाम दर्ज हो गई है। साल 2025 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने RJD के बिनोद मिश्रा और जन सूरज पार्टी के विप्लव कुमार चौधरी को हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल की। हालांकि राजनीति में आने से पहले ही मैथिली काफी फेमस थीं, लेकिन उनके और उनके परिवार के संघर्ष की कहानी कम लोग जानते हैं।

परिवार ने बदले 17 घर

मैथिली ठाकुर की सफलता आसान नहीं रही। 25 साल की उम्र में वह सबसे कम उम्र की विधायक बन गई हैं, लेकिन उनका बचपन कठिनाइयों से भरा रहा। मैथिली का जन्म एक संगीतमय परिवार में हुआ। उनके दादा और पिता ने उन्हें लोक संगीत, हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, हारमोनियम और तबला की शिक्षा दी। उनकी असाधारण प्रतिभा को देखते हुए परिवार दिल्ली के द्वारका में बस गया। मैथिली ने मात्र 10 साल की उम्र में जागरण और विभिन्न संगीत कार्यक्रमों में परफॉर्म करना शुरू कर दिया।

दिल्ली से हुई शिक्षा

मैथिली ने अपनी पढ़ाई दिल्ली के बाल भारती इंटरनेशनल स्कूल से पूरी की और भारती कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। 11 साल की उम्र में उन्होंने ‘सा रे गा मा पा लिटिल चैंप्स’ में भाग लिया और बाद में ‘राइजिंग स्टार’ में भी नजर आईं, जहां वह केवल दो वोटों के अंतर से विजेता नहीं बन पाईं।

मां ने बताया 17 बार घर बदलने की वजह

मैथिली के शुरुआती साल आसान नहीं थे। परिवार को 17 बार घर बदलना पड़ा। उनकी मां भारती ने बताया, “हम केवल एक कमरे के घर का खर्च उठा सकते थे। मेरे पति और बच्चे संगीत का रियाज करते थे, लेकिन आसपास के लोग परेशान हो जाते थे, इसलिए हमें घर छोड़ना पड़ता था।”

स्थिरता की ओर कदम

साल 2017 में परिवार ने दिल्ली के द्वारका में घर खरीदा और 2020 में बड़े साउंडप्रूफ अपार्टमेंट में शिफ्ट हुए। मैथिली और उनके भाईयों को करण जौहर और यश चोपड़ा के ऑफिस से कॉल्स आते रहे। फेसबुक और यूट्यूब पर उनके संगीत वीडियो वायरल हुए, जिसने उनके करियर को नई उड़ान दी।

मैथिली ठाकुर की कहानी संघर्ष, संगीत और समर्पण की मिसाल है, जिसने उन्हें राजनीति में भी सफल बनाया।

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