
केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने CM उमर अब्दुल्ला पर बड़ा आरोप लगाया है। सुनील शर्मा का दावा है कि उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली में भाजपा से संपर्क किया था और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के बदले भाजपा के साथ गठबंधन करने की पेशकश की थी।
शर्मा ने यह भी कहा कि साल 2014 में जब जम्मू-कश्मीर में त्रिशंकु जनादेश आया था, तब भी उमर अब्दुल्ला ने भाजपा से गठबंधन की कोशिश की थी। उन्होंने बडगाम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि विधानसभा चुनावों के बाद भी उमर अब्दुल्ला ने भाजपा के साथ हाथ मिलाने की कोशिश की थी। शर्मा ने कहा— “हालांकि, हमारे नेतृत्व ने सिद्धांतों और राष्ट्रीय अखंडता से प्रेरित होकर ऐसे अवसरवादी प्रस्तावों को ठुकरा दिया।”
वहीं, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा— “मैं पवित्र कुरान की कसम खाता हूं कि मैंने 2024 में राज्य का दर्जा या किसी अन्य कारण से भाजपा के साथ गठबंधन की मांग नहीं की। सुनील शर्मा के विपरीत, मैं जीविका के लिए झूठ नहीं बोलता।”










