
राजस्थान विधानसभा में बुधवार को बीजेपी विधायक बालमुकुंदाचार्य ने अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए जयपुर के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। उनके आरोपों के बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में “शेम-शेम” के नारे लगाए।
सरकार का जवाब
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर सरकार का पक्ष रखते हुए यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि 152 करोड़ रुपये के कार्य स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 143 पूरे हो चुके हैं, और 9 निर्माणाधीन हैं। उन्होंने दावा किया कि इस योजना की जांच आईआईटी और एमएनआईटी जैसी संस्थाओं द्वारा की गई है, और किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं पाई गई है।
बालमुकुंदाचार्य की आलोचना
बालमुकुंदाचार्य मंत्री के जवाब से असंतुष्ट नजर आए। उन्होंने कहा कि अगर काम में कोई गड़बड़ी नहीं है, तो अधिकारी क्यों एडवांस रिटायरमेंट की फाइलें लगा रहे हैं? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 800 करोड़ रुपये का बजट अधिकारी डकार रहे हैं, और लगातार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
विधानसभा में तीखी बहस
इस मुद्दे पर विधानसभा में तीखी बहस देखने को मिली, जिसमें बालमुकुंदाचार्य ने यूडीएच मंत्री को मौके पर जाकर काम की वास्तविकता परखने की चुनौती दी। हालांकि, सरकार ने किसी भी भ्रष्टाचार के आरोपों को नकारते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में पारदर्शिता के साथ कार्य किए जा रहे हैं।