फ्लाइट की खिड़कियां क्यों होती है गोल, जानें क्यों होता है इनमें एक छोटा सा छेद?

हवाई जहाज की डिजाइन में यात्रियों की सुरक्षा और आराम को सबसे पहले रखा जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हवाई जहाज की खिड़कियां हमेशा गोल क्यों होती हैं और उनमें वह छोटा सा छेद किस काम का होता है?

गोल खिड़कियों की वजह

हवाई जहाज ऊंचाई पर उड़ते हैं, जहां बाहरी वायुदाब केबिन के अंदर के दबाव से काफी कम होता है। इस दबाव का असर विमान की संरचना और खासकर खिड़कियों पर बहुत ज्यादा होता है।

  • गोल खिड़कियां इस दबाव को समान रूप से पूरी सतह पर वितरित करती हैं।
  • शुरुआती दिनों में हवाई जहाज की खिड़कियां चकोर (स्क्वायर) होती थीं, जिससे दबाव की वजह से दरार पड़ने या टूटने का खतरा बढ़ जाता था।
  • 1950 के दशक में हुई कई दुर्घटनाओं के बाद इस डिजाइन को बदलकर गोल आकार दिया गया।
  • गोल खिड़कियां धातु के फ्रेम पर तनाव को कम करती हैं और विमान की उम्र बढ़ाती हैं।

छोटे छेद (ब्लीड होल / ब्रीदर होल) का काम

हर खिड़की में एक छोटा सा छेद होता है जिसे ब्लीड होल या ब्रीदर होल कहते हैं। इसका काम है:

  1. दबाव का संतुलन: खिड़की की बाहरी परत केबिन और बाहरी हवा के बीच का दबाव झेलती है। यह छोटा छेद वायुदाब को परतों के बीच समान रूप से वितरित करता है, जिससे बाहरी शीशे पर तनाव कम होता है।
  2. नमी और कोहरा रोकना: ऊंचाई पर तापमान बहुत कम होता है, जिससे खिड़कियों की परतों के बीच नमी जमा हो सकती है और दृश्य धुंधला हो सकता है। यह छोटा छेद नमी को बाहर निकालता है और कोहरा या बर्फ जमने से बचाव करता है।

तो अगली बार जब आप हवाई जहाज की खिड़की से बाहर देखें, तो समझ जाइए कि उसका गोल आकार और छोटा सा छेद सिर्फ डिजाइन नहीं, बल्कि आपकी सुरक्षा और बेहतर दृश्य अनुभव का हिस्सा है।

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