
Bihar Chunav : बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर कई राजनीतिक सर्वे सामने आ रहे हैं। महागठबंधन के कांग्रेस और राजद और एनडीए के भाजपा, जेडीयू, लोजपा-आर, जैसे दल मतदाताओं को लुभाने में व्यस्त हैं। रैलियों में महिलाओं और युवाओं को खासकर आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। बिहार चुनाव में जीत का मंत्र महिला और युवा वोटर्स से होकर ही गुजरता है।
बिहार में इस बार का चुनाव खास माना जा रहा है। सवाल है, इस बार बिहार में किसकी हो सकती है जीत? और किस प्रकार के मतदाता हैं, जिन पर राजनीतिक दलों की नजरें टिकी हैं?
बिहार में चुनाव का माहौल और मुख्य दल
बिहार में इस बार कांग्रेस, जेडीयू, भाजपा, राजद, और नए गठबंधन के साथ कई छोटे दल भी मैदान में हैं। सभी दल अपने-अपने घोषणापत्र और वादे लेकर जनता के बीच हैं। जनता भी सोच समझ कर वोट दे रही है, क्योंकि कोरोना के बाद से लोगों की जिंदगी और उम्मीदें दोनों ही प्रभावित हुई हैं।
युवाओं और महिलाओं पर राजनीतिक दलों की नजर
राजनीतिक दल इन मतदाताओं को लुभाने के लिए कई तरह के वादे कर रहे हैं। युवाओं को रोजगार, महिलाओं को सुरक्षा और शिक्षा का भरोसा और ग्रामीण इलाकों में सड़क, बिजली, पानी जैसी सुविधाओं का वादा किया जा रहा है। साथ ही, दल अपने-अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए गठबंधन और प्रचार-प्रसार में लगे हैं।
इन दलों पर हैं मतदाताओं का ध्यान
बिहार के मतदाता खास तौर पर युवा, महिलाएं, और ग्रामीण इलाकों के वोटर पर दलों की नज़र है। युवा वोटर जिनकी संख्या बहुत अधिक है, वे शिक्षा, रोजगार, और स्वास्थ पर खास ध्यान दे रहे हैं। महिलाएं अपने परिवार के हित, सुरक्षा, और शिक्षा को लेकर सोच रही हैं। वहीं, ग्रामीण वोटर उनके विकास और बुनियादी सुविधाओं का इंतजार कर रहे हैं।
बिहार चुनाव में किसकी होगी जीत?
बिहार की राजनीति में अभी भविष्यवाणी करना आसान नहीं है। लेकिन, जो जनता की असली आवश्यकताओं को समझता है, वही इन चुनावों में जीत सकता है। फिलहाल, सभी दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, पर असली निर्णायक तो जनता का वोट ही होगा। वोटर अपने हितों, भरोसे और विकास की उम्मीदों के आधार पर अपने निर्णय ले रहे हैं।