अरबों खर्च होने पर भी प्रदूषण मुक्त नहीं हो सकी यमुना
मथुराl प्रदूषण एवं अवैध कब्जों को लेकर यूं तो दशकों से यमुना की आवाज को उठाया जाता रहा है लेकिन अरबों रुपए खर्च होने के बावजूद यमुना नदी आज भी प्रदूषण एवं अवैध कब्जो से मुक्त नहीं हो सकी है अब ताजा मामला यमुना के किनारे बड़े स्तर पर किए गए वृक्षारोपण एवं अवैध कब्जे का है l संज्ञान हो हरित यमुना मिशन फाउंडेशन द्वारा नगर निगम की सीमा में किया गया वृक्षारोपण विवादों के घेरे में है l मथुरा वृंदावन नगर निगम के महापौर तथा पार्षदगण जहां पूर्व में मिशन के कार्यों की सराहना एवं प्रोत्साहन देते देखे जाते थे, वही अब नगर निगम अवैध कब्जों को हटाने की तैयारी कर रही है इसके लिए निगम अधिकारियों ने यमुना मिशन के पदाधिकारियों से स्वयं अवैध कब्जो को हटाने की बात कही है l निगम अधिकारियों का कहना है कि वृक्षों को नहीं हटाया जाएगा वे प्रकृति की देन है l लेकिन अव्यवस्थित एवं अव्यवहारिक रूप से किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया जाएगा l
उल्लेखनीय है कि हरित यमुना मिशन फाउंडेशन विगत 15 फरवरी 2015 से यमुना किनारे वृक्षारोपण एवं सौंदर्य करण के कार्य करवा रहा है l मिशन द्वारा यमुना किनारे के बड़े क्षेत्र में पौधारोपण कर हरियाली,कच्चे मार्ग, पार्क तथा विभिन्न तरह के कच्चे पक्के निर्माण करवाए हैं l विगत 7 साल से कार्य कर रही यमुना मिशन अब निरंतर विवादों के मकड़जाल में फंसती दिखाई दे रही है l लेकिन चौंकाने वाली बात यह है की पूर्व में जब मथुरा वृंदावन नगर पालिका थी तब भी किसी ने मिशन द्वारा किए जा रहे कार्यों को रोकने का प्रयास नहीं किया और ना ही मथुरा वृंदावन के नगर निगम बनने के बाद यमुना मिशन के कार्यों पर नगर निगम द्वारा आपत्ति की गई l यमुना मिशन के कार्यों के संबंध में पहली बार आपत्ती जून 2021 को नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त (प्रभारी संपत्ति) राजकुमार मित्तल ने नोटिस भेजकर की l लेकिन उसके बाद भी कोई ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा सकी l अब सहायक नगर आयुक्त राजकुमार मित्तल कार्रवाई करने की कह रहे हैं l दूरभाष पर दैनिक भास्कर से चर्चा के दौरान उन्होंने कहां कि जो वृक्षारोपण किया गया है वह प्रकृति की देन है वृक्ष सभी के लिए उपयोगी हैं वृक्षों की देखभाल के लिए दो नगर निगम कर्मी नियुक्त किए गए हैं वही अव्यवहारिक रुप से किए गए कच्चे-पक्के कब्जों को 15 दिन के अंदर स्वयं यमुना मिशन द्वारा नहीं हटाया जाता है तो नगर निगम अपने स्तर से कार्यवाही अमल में लाएगी l सहायक नगर आयुक्त ने समिति गठित होने के सवाल पर कहा कि वह पूर्व नगर आयुक्त द्वारा किस उद्देश्य से बनाई गई इस बारे में कुछ नहीं कह सकते है l मथुरा वृंदावन नगर निगम के महापौर मुकेश आर्य बंधु का कहना है कि सारे मामले की समीक्षा की जा रही है उचित कार्रवाई की जाएगी l
शोर-शराबा तो बहुत हुआ लेकिन प्रदूषण मुक्त ना हो सकी यमुना
यमुना को स्वच्छ करने के नाम पर दशकों से विभिन्न स्तरों पर शोर-शराबा तो बहुत होता रहा है लेकिन यमुना की पीर सुनने वाला कोई नहीं l जहां सालों पहले बनाई गई यमुना कार्य योजना अरबों रुपए खर्च करने के बावजूद अपने उद्देश्य में असफल साबित हो चुकी है वही विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठन भी बड़े स्तर पर आंदोलन कर चोर शराब मचा चुके हैं l इतना ही नहीं यमुना को प्रदूषण एवं अवैध कब्जों से मुक्त करने के लिए कई न्यायालयों में वाद विचाराधीन है l वही दशकों से सरकारें भी आती है और चली जाती हैं सरकारों द्वारा यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए वादे भी बड़े-बड़े किए जाते हैं लेकिन यमुना आज भी प्रदूषण एवं अवैध कब्जों से मुक्त नहीं हो सकी है l