
नई दिल्ली डायबिटीज आज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, जिससे हर उम्र के लोग प्रभावित हो रहे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि यह केवल ब्लड शुगर बढ़ने की बीमारी नहीं है, बल्कि शरीर को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाती है। अगर इसे समय पर कंट्रोल न किया जाए तो आंखों की रोशनी, किडनी और दिल पर गंभीर असर पड़ सकता है। कई मामलों में पैरों को भी नुकसान इतना बढ़ जाता है कि उन्हें काटने तक की नौबत आ जाती है।
डॉक्टरों के अनुसार, लंबे समय तक शुगर हाई रहने पर नसें क्षतिग्रस्त होने लगती हैं और पैरों में रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। इस स्थिति को डायबिटिक फुट कहा जाता है। यदि समय रहते ध्यान न दिया जाए तो पैरों में अल्सर बन सकते हैं और संक्रमण बढ़ने पर पैर का हिस्सा काटना पड़ सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, डायबिटीज के करीब 25% मरीज जीवन में कभी न कभी डायबिटिक फुट अल्सर से ग्रस्त होते हैं।
डायबिटिक फुट का मुख्य कारण डायबिटिक न्यूरोपैथी है। लंबे समय तक हाई शुगर रहने से नसें कमजोर हो जाती हैं और पैर में चोट, घाव या दर्द का एहसास नहीं होता। साथ ही रक्त वाहिकाएं संकरी हो जाती हैं, जिससे घाव जल्दी नहीं भरते और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि डायबिटिक मरीजों को रोज पैरों की जांच करनी चाहिए, छोटे घाव या फटी एड़ियों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए और शुगर को कंट्रोल में रखना चाहिए। यदि घाव 2-3 हफ्तों में न भरे, बदबू या मवाद आने लगे या पैर काले पड़ने लगें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। समय पर ध्यान और सही देखभाल से डायबिटिक फुट और इसके गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।