
Pakistan News : पाकिस्तान-आफगानिस्तान सीमा पर तनाव अब चरम पर पहुंच गया है, जहां दोनों देशों के सुरक्षा बलों के बीच झड़पें जारी हैं। इस तनाव के बीच चार प्रमुख हस्तियां चर्चा का केंद्र बन गई हैं, जो अपनी-अपनी गतिविधियों के माध्यम से पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। आइए इन चार नामों पर एक नजर डालते हैं…
1. नूर वली महसूद
तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के प्रमुख मुफ्ती नूर वली महसूद ने पाकिस्तान के लिए आतंक का खतरा बना रखा है। हाल ही में पाकिस्तान ने काबुल में TTP के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की, जिसमें महसूद के मारे जाने की खबरें आईं, जिसे अफगान तालिबान ने खारिज कर दिया है। 2003 में TTP में शामिल हुए महसूद, मुल्ला फज़लुल्लाह के निधन के बाद समूह के प्रमुख बने। दक्षिण वजीरिस्तान में जन्मे, उन्होंने अपने धार्मिक ज्ञान को जिहाद के हथियार में बदला है। उनके नेतृत्व में कई आतंकी हमले हुए हैं और सीमा पर पाकिस्तान की चौकियों पर हमला करने की उनकी क्षमता से पाकिस्तान को खतरा है।
2. हिबतुल्लाह अखुंडजादा
अफगानिस्तान के सर्वोच्च तालिबान नेता हिबतुल्लाह अखुंडजादा पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं। उन्हें “अमीर अल-मुमिनिन” कहा जाता है। उनके आदेश पर TTP और अन्य आतंकवादी समूह सक्रिय रहते हैं, जिससे पाकिस्तान-आफगान सीमा पर तनाव बना रहता है। अफगानिस्तान से पाकिस्तान में मुजाहिदों के ठिकाने बनाने का आरोप भी उनके ऊपर है, जिससे क्षेत्र में रणनीतिक समस्याएं बढ़ रही हैं।
3. हाफिज साद रिजवी
पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति में हाफिज साद रिजवी का प्रभाव बड़ा है। तहरीक-ए-लब्बैक के प्रमुख रिजवी ने गाजा पीस प्लान का विरोध किया और पंजाब, लाहौर-इस्लामाबाद में बड़े विरोध प्रदर्शन कराए। इन प्रदर्शन में सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों घायल हुए हैं। खुद घायल होने के बावजूद उनका प्रभाव कायम है, और उनका विरोध पाकिस्तान के गृह मामलों में उथल-पुथल ला रहा है।
4. इमरान खान
जेल में होने के बावजूद, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और PTI के प्रमुख इमरान खान अभी भी देश की राजनीति में सक्रिय हैं। वे लोकतांत्रिक सरकार को चुनौती दे रहे हैं और पार्टी तथा निर्णयों पर अपना नियंत्रण बनाए हुए हैं। KP के मुख्यमंत्री का बदलना और पार्टी के भीतर फैसले उनके इशारों पर चल रहे हैं, जो पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता को दर्शाता है।
ये चार हस्तियां पाकिस्तान-आफगान सीमा की सुरक्षा, आंतरिक राजनीति और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर चुनौतियां पैदा कर रही हैं। इनकी गतिविधियों और प्रभाव का क्षेत्र में व्यापक असर देखने को मिल रहा है।
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