कौन हैं रंजनी श्रीनिवासन और अमेरिका ने उनका वीजा क्यों रद्द कर दिया? 

अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन चर्चाओं में हैं। बीते दिनों अमेरिका ने उनका वीजा रद्द कर दिया था।  अब होमलैंड सुरक्षा विभाग ने कहा है कि रंजनी ने स्वदेश वापसी कर ली है यानी वे भारत आ गई हैं। विभाग ने कहा कि उन्होंने खुद को स्व निर्वासित कर लिया है। रंजनी F-1 स्टूडेंट वीजा पर अमेरिका गई थीं।

आइए जानते हैं वे भारत क्यों आ गईं। 

कौन हैं रंजनी?

रंजनी कोलंबिया विश्वविद्यालय में शहरी योजना में डॉक्टोरल डिग्री प्राप्त कर रही थी।  रंजनी का शोध कार्य भारतीय शहरीकरण और मजदूरी के राजनीतिक अर्थशास्त्र पर आधारित है। वह फुलब्राइट रिसीपीएन्ट भी हैं। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर, प्लानिंग एंड प्रिजर्वेशन से शहरी योजना में एम फिल किया है। इसके अलावा उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ डिजाइन से मास्टर डिग्री और CEPT विश्वविद्यालय से डिजाइन में बैचलर डिग्री प्राप्त की है। 

रंजनी का वीजा क्यों रद्द किया गया?

ट्रंप प्रशासन ने कहा कि रंजनी का वीजा ‘हिंसा और आतंकवाद की वकालत’ करने के कारण रद्द कर दिया है।

अमेरिकी गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने कहा, “अमेरिका में रहने और पढ़ने के लिए वीजा प्राप्त करना एक विशेषाधिकार है। जब आप हिंसा और आतंकवाद की वकालत करते हैं तो उस विशेषाधिकार को रद्द कर दिया जाना चाहिए और आपको इस देश में नहीं रहना चाहिए।” रंजनी पर हमास का समर्थन करने का आरोप है। 

अमेरिकी गृह सुरक्षा सचिव ने साझा किया रंजनी का वीडियो

अमेरिका ने कहा, “रंजनी हमास को समर्थन देने वाली गतिविधियों में शामिल थी। 5 मार्च, 2025 को विदेश विभाग ने उसका वीजा रद्द कर दिया। होमलैंड सुरक्षा विभाग ने 11 मार्च को स्व-निर्वासन के लिए सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (CPB) एजेंसी ऐप का उपयोग करते हुए उसका वीडियो फुटेज प्राप्त किया है।”

नोएम ने रंजनी का एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “हिंसा और आतंकवाद की वकालत करने वाले किसी भी व्यक्ति को देश में नहीं रहना चाहिए।” 

कोलंबिया विश्वविद्यालय

ट्रंप प्रशासन के निशाने पर फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन करने वाले छात्र

बीते साल कोलंबिया विश्वविद्यालय में फिलिस्तीन के समर्थन में बड़े प्रदर्शन हुए थे। अब अमेरिकी प्रशासन इन प्रदर्शनों में शामिल छात्रों पर कार्रवाई कर रहा है। हाल ही में फिलिस्तीन मूल के छात्र महमूद खलील को भी हिरासत में लिया गया है, जिस पर खूब बवाल हो रहा है। फिलिस्तीनी मूल का छात्रा लेका कोर्डिया को भी गिरफ्तार किया गया है, जिन पर वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी देश नहीं छोड़ने के आरोप हैं।

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