
Hamas Israel Ceasefire : दो साल बाद हमास और इजराइल के बीच चल रहे खूनी संघर्ष पर विराम लग गया है। 1200 लोगों की मौत के बाद अमेरिका की मध्यस्थता में हमास और इजराइल शांति के लिए तैयार हुए, जिसके लिए पहला कदम भी अब मंजूर हो चुका है। दोनों देशों के बीच इस शांति समझौते को डोनाल्ड ट्रंप की 20 पॉइंट वाली शांति योजना का हिस्सा माना जा रहा है। हांलाकि शांति समझौते के प्लान के पहले चरण में इजराइल ने तो पूर्ण सहमति दे दी है, लेकिन हमास ने युद्धविराम के लिए कुछ शर्तें रखी हैं। अभी यह साफ नहीं है कि दोनों पक्ष किन बातों पर सहमत हुए हैं और किन पर नहीं। मगर, इन सब के बीच बड़ा सवाल ये है कि गाजा का अब क्या होगा? गाजा का राजा कौन बनेगा? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गाजा को नियंत्रित करेंगे या हमास और इजराइल में किसी एक को सौंप दिया जाएगा।
दो साल बाद धीरे-धीरे इजराइल और हमास में जीवन सामान्य होने की उम्मीद है। युद्धविराम के बाद हमास ने बंधकों की रिहाई और इजरायली सेना की वापसी तय की है। हमास 20 इजरायली बंधकों को छोड़ने पर राजी हो गया है, जिनमें से कुछ आज से रिहा किए जाने की उम्मीद है। अभी भी लगभग 48 इजरायली बंधक गाजा में ही कैद हैं।
युद्धविराम के बाद अब क्या होगा?
हमास और इजराइल के बीच खूनी जंग दो साल पहले शुरू हुई थी। इसी जंग के बाद हमास ने इजराइल पर हमले शुरू किए, जिसमें 1200 लोग मारे गए थे। पिछले दो साल में हमास ने कुल 251 लोगों को बंधक बनाया था। इनमें से 148 को पहले ही छोड़ा या बचाया जा चुका है, जबकि 57 के शव मिल चुके हैं। जैसे ही इजरायली सरकार इस समझौते पर हस्ताक्षर करेगी, 72 घंटे का समय शुरू हो जाएगा, जिसमें हमास को बंधकों को छोड़ना होगा। इसके बाद, इजरायल की सेना गाजा में अपनी सीमा येलो लाइन तक पीछे हट जाएगी, यानी गाजा शहर और नेतज़रिम कॉरिडोर से वे वापस आएंगे। पर गाजा के करीब आधे हिस्से पर अभी भी उनका नियंत्रण रहेगा। बदले में, इजरायल 250 फिलिस्तीनियों को, जिनमें से कई आजीवन कारावास में हैं, छोड़ देगा।
बता दें कि यह समझौता खासतौर पर उन लाखों फिलिस्तीनियों के लिए राहत साबित हो सकता है, जो गाजा के सिर्फ 20% हिस्से में फंसे हुए हैं। महीनों से बमबारी के कारण यह इलाका खंडहर बन चुका है।
आखिर गाजा पर किसका कब्जा रहेगा?
युद्धविराम के बाद अब सवाल ये उठता है कि गाजा पर कब्जा किसका होगा? डोनाल्ड ट्रंप के पीस प्लान के मुताबिक, हमास की सरकार को हटा कर एक नई, गैर-राजनीतिक फिलिस्तीनी कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। यह सभी बोर्ड ऑफ पीस की निगरानी में काम करेगा। धीरे-धीरे, फिलिस्तीन की सरकार को फिर से सत्ता सौंप दी जाएगी। यह बोर्ड अमेरिकी राष्ट्रपति की अध्यक्षता में काम करेगा। इसमें ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर जैसे बड़े नेता भी शामिल होंगे। व्हाइट हाउस का दावा है कि गाजा को आतंक-मुक्त और शांति का क्षेत्र बनाया जाएगा, ताकि वहां के लोग खुशहाल हो सकें। जो लोग वहां से जाना चाहें, जा सकेंगे, और जो रहना चाहें, उन्हें रहने दिया जाएगा। गाजा का पुनर्निर्माण भी इस योजना का हिस्सा है। बोर्ड इस क्षेत्र का विकास करेगा, नई सड़कें, अस्पताल और घर बनाएंगे। खास बात यह है कि मध्य-पूर्व के अमीर देश निवेश करेंगे और गाजा की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
ट्रंप की योजना के मुताबिक, युद्ध खत्म होने के तुरंत बाद इंटरनेशनल स्टेबलाइज़ेशन फोर्स (ISF) वहां तैनात की जाएगी। इसमें जॉर्डन, मिस्र और अन्य अरब देश शामिल होंगे, जो इस समझौते का पालन सुनिश्चित करेंगे। ये फोर्स गाजा की पुलिस की ट्रेनिंग भी देगी और सीमा की सुरक्षा में मदद करेगी।
क्या इजरायल या हमास का गाजा पर अधिकार होगा?
युद्धविराम के बाद दूसरा सवाल ये है कि गाजा पर हमास या इजराइल में किसी का भी अधिकार होगा या नहीं? तो बता दें कि गाजा पर अब इजराइल कब्जा नहीं करेगा और न ही उसका विलय करेगा। यहां तक कि इजराइल अब गाजा से अपनी सेना को भी धीरे-धीरे हटाएगा। जबकि हमास का निरस्त्रीकरण किया जाएगा। बताया जा रहा है कि गाजा को हथियारमुक्त कर दिया जाएगा। हालंकि, हमास पहले कह चुका है कि वह हथियार तभी छोड़ेगा, जब एक स्वतंत्र फिलिस्तीन का राज्य बनेगा। वहीं, इजरायल के नेता फिलिस्तीनियों की सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं।
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