
26/11 हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाए जाने को लेकर पाकिस्तान का पहला रिएक्शन सामने आ गया है. एक बार फिर पाकिस्तान अपनी रही सही इज्जत बचाने के लिए वही घिसे पिटे बयान दोहरा रहा है. पाकिस्तान ने कहा है कि उसका तहव्वुर राणा से कोई लेना देना नहीं है क्योंकि भले ही वह पाकिस्तान का नागरिक रहा हो लेकिन उसने 20 साल से अपने डॉक्यूमेंट रिन्यू नहीं कराए हैं.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने खुद को इस मामले से दूर बताते हुए तहव्वुर राणा से पल्ला झाड़ लिया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों में अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है. उसकी कनाडाई नागरिकता स्पष्ट है.”
पाकिस्तान यह दूरी इसलिए बना रहा है क्योंकि तहव्वुर राणा, पाकिस्तान की सेना और ISI से जुड़ा रहा है और अब भारत में आने के बाद वह 26/11 मुंबई हमले में पाकिस्तान की सीधी भूमिका का खुलासा कर सकता है.
तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया जा रहा है और ऐसा माना जा रहा है कि उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल की हाई-सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा. राणा को जेल में रखने के लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. हालांकि, अंतिम फैसला अदालत के आदेश के बाद ही लिया जाएगा. जेल प्रशासन कोर्ट के निर्देशों का इंतजार कर रहा है.
बता दें कि NIA और RAW की संयुक्त टीम राणा को अमेरिका से भारत लेकर आ रही है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उसे कब तक मुंबई ट्रांसफर किया जाएगा, जहां 26/11 हमलों की जांच से जुड़ी फाइलें पहले से खुली हुई हैं.
कौन है तहव्वुर राणा?
64 वर्षीय तहव्वुर राणा, एक कनाडाई नागरिक है जो पाकिस्तान मूल का है और अमेरिका के शिकागो में एक इमिग्रेशन कंसल्टेंसी फर्म चलाता था. वह मुंबई हमले में आतंकियों को लॉजिस्टिक और वित्तीय सहयोग देने का आरोपी है. हमले के मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली ने जांच एजेंसियों को बताया था कि उसने मुंबई की रेकी तहव्वुर राणा की कंपनी के नाम पर भारत आकर की थी. हेडली ने खुलासा किया कि राणा हमले की तैयारी में शामिल था और पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से उसका संपर्क था.
अमेरिका में हुई थी गिरफ्तारी
राणा को अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने अक्टूबर 2009 में शिकागो से गिरफ्तार किया था. उस पर डेनमार्क के कोपेनहेगन में एक अखबार कार्यालय पर हमले की योजना और आतंकी संगठन को सहयोग देने का आरोप भी लगा. 2011 में उसे साजिश का दोषी ठहराया गया और लॉस एंजेलिस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया.
अमेरिका ने दिया प्रत्यर्पण आदेश
फरवरी 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी देने की घोषणा की थी. ट्रंप ने कहा था, “हमने 2008 के मुंबई हमले के एक बेहद खतरनाक आरोपी को भारत भेजने की मंजूरी दे दी है, ताकि वह वहां न्याय का सामना कर सके.”
भारत में दर्ज हैं गंभीर धाराएं
भारत में राणा के खिलाफ आपराधिक साजिश, हत्या, जालसाजी, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत केस दर्ज हैं. अब देखना यह होगा कि भारत की अदालतों में उस पर सुनवाई कब शुरू होती है.