योगी सरकार 2.0 में जातिगत के साथ क्षेत्रीय समीकरण को भी साधा गया है। इसी के साथ इस बार भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में पांच महिलाओं नेताओं को योगी कैबिनेट में शामिल किया गया है। इनमें से बेनी रानी मौर्य को कैबिनेट मंत्री तो गुलाब देवी राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनायी गई हैं। जबकि प्रतिभा शुक्ला, रजनी तिवारी और विजय लक्ष्मी गौतम को राज्यमंत्री के पद से नवाजा गया है।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत तथा लगातार दूसरी बार सरकार बनाने में अहम भूमिका अदा करने वाले योगी आदित्यनाथ ने यूपी के 22वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तथा ब्रजेश पाठक ने भी उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। केशव प्रसाद मौर्य पिछली सरकार में भी डिप्टी सीएम रहे हैं, जबकि ब्रजेश पाठक कानून मंत्री थे। इनके साथ16 कैबिनेट मंत्री, 14 स्वतंत्र प्रभारी और 20 राज्यमंत्री ने शपथ ग्रहण की। इकाना स्टेडियम में योगी आदित्यनाथ को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्री और बीजेपी शासित राज्यों के सीएम शामिल हुए।
बेबीरानी सहित पांच महिलाओं को जगह
भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में पांच महिलाओं को योगी कैबिनेट में जगह मिली है। बेनी रानी मौर्य को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है जबकि गुलाब देवी राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार मंत्री बनायी गयी हैं। इसके अलावा प्रतिभा शुक्ला, रजनी तिवारी और विजय लक्ष्मी गौतम को राज्यमंत्री बनाया गया है।
इस बार नया मुस्लिम चेहरा
भाजपा ने चुनाव में भले ही किसी मुस्लिम को उम्मीदवार नहीं बनाया था, लेकिन सरकार में अल्पसंख्यक समुदाय को भी प्रतिनिधित्व देते हुए दानिश आजाद अंसारी को मंत्री बनाया है। बलिया के रहने वाले 34 वर्षीय दानिश आजाद अंसारी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश महामंत्री हैं। आजाद भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में कई पदों पर रह चुके हैं। यह यूपी सरकार के फखरुद्दीन अली मेमोरियल समिति के सदस्य भी रहे हैं। इसके अलावा राज्य भाषा समिति के भी सदस्य हैं। पिछली बार सरकार में शामिल मोहिसिन रजा को इस बार नहीं लिया गया।
जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का ध्यान
योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल 2.0 में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण के साथ पुरानी कैबिनेट में रहे विधायकों का सम्मान भी बरकरार रखा गया है। मुख्यमंत्री ने जिन दो उपमुख्यमंत्रियों और 50 मंत्रियों के साथ शपथ ली। उनमें से 22 मंत्री उनकी पहली सरकार के कार्यकाल में थे। योगी मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण को साधते हुए दलितों और पिछड़ों को तरजीह दी गयी है। इसी तरह पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड सहित पूर्वी यूपी के साथ संतुलन साधने की कोशिश की गयी है।
योगी मंत्रिमंडल में ब्राह्मण चेहरे के रूप में बृजेश पाठक को डिप्टी सीएम के रूप में पदोन्नत किया गया है जबकि, पिछड़ों को खुश करने के लिए विधानसभा चुनाव हार जाने के बावजूद पिछड़ों के नेता के रूप में केशव प्रसाद मौर्या को दोबारा डिप्टी सीएम बनाया गया है। इसी तरह सवर्णो में क्षत्रिय, श्रीवास्तव, खन्ना के अलावा पिछड़ों और दलितों को पर्याप्त जगह दी गयी है।
डिप्टी सीएम समेत 22 मंत्री बाहर
योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा सहित 22 मंत्रियों को इस बार शामिल नहीं किया गया है। इनमें एक दर्जन से ज्यादा ऐसे मंत्री हैं जो अपनी सीट जीतकर दोबारा आए हैं लेकिन इनकी कार्यशैली और क्षेत्र में लोगों के प्रति इनका व्यवहार ठीक नहीं था। इसलिए इन्हें मौका नहीं दिया गया। इनमें डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा, सिद्वार्थनाथ सिंह, मोहिसिन रजा, नीलकंठ तिवारी,जयप्रताप सिंह, आनंद स्वरूप शुक्ला,सतीश कुमार महाना, आशुतोष टंडन, राम नरेश अग्निहोत्री, महेंद्र सिंह, रमापति शास्त्री, अशोक कटारिया, जयप्रताप जैकी और सुरेश राणा, श्री राम चौहान, अनिल शर्मा, सुरेश पासी, चौधरी उदय भान सिंह, रामशंकर सिंह पटेल, नीलिमा कटियार, महेश गुप्ता, जीएस धर्मेश जैसे नाम शामिल हैं।
सहयोगियों को खुश करने की कवायद
योगी मंत्रिमंडल में भाजपा के सहयोगी दलों अपना दल और निषाद पार्टी के विधायकों को भी जगह दी गयी है। निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद को कैबिनेट मंत्री बनाया है। इसी तरह अपना दल की अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल को भी कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया है। इन दोनों दलों से एक-दो और मंत्रिपद नवाजे गए हैं।