
लखीमपुर खीरी : लखीमपुर खीरी के कुंभी ब्लॉक की ग्राम पंचायत गोला बाहर का गांव भुसौरिया इन दिनों भ्रष्टाचार व बदहाल विकास योजनाओं और खुली लापरवाही का उदाहरण बनी हुई है। जहां एक ओर ग्रामीणों को अंतिम संस्कार के लिए समुचित मुक्तिधाम (श्मशान घाट) तक नहीं मिला, वहीं दूसरी ओर शासन की योजनाओं के नाम पर चार लाख रुपये खर्च कर सेल्फी प्वाइंट बना दिया गया — जो आज बेकार पड़ा है और उपेक्षा की भेंट चढ़ चुका है।
सेल्फी प्वाइंट को प्राथमिकता, मुक्ति धाम को नहीं
गांव में सेल्फी प्वाइंट का निर्माण अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत कराया गया था। लगभग चार लाख रुपये की लागत से बनाए गए इस स्थान का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण और जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना बताया गया। लेकिन हैरानी की बात यह है कि जहां श्मशान घाट जैसी जरूरी सुविधा के लिए फंड नहीं मिला, वहीं फोटो खिंचवाने के लिए सेल्फी प्वाइंट को प्राथमिकता दी गई। यह ग्रामीणों की समझ से परे है।
अमृत सरोवर भी अधूरा, योजनाएं बनी मज़ाक
सेल्फी प्वाइंट जिस अमृत सरोवर के किनारे बनाया गया, वह तालाब भी आज तक अधूरा है। खुदाई अधूरी है, किनारे टूटी-फूटी हालत में हैं, न सौंदर्यीकरण हुआ, न हरियाली, और न ही इसका कोई सार्वजनिक उपयोग हो पा रहा है। यह पूरा क्षेत्र अब भ्रष्टाचार और खानापूर्ति का नमूना बनकर रह गया है।
ठेकेदारों की चांदी, चहेतों को मिला भुगतान
सेल्फी प्वाइंट पर हुए सरकारी खर्च की पड़ताल करें तो स्थिति और भी गंभीर दिखती है। 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में ग्राम पंचायत की ओर से जारी निविदाओं में अपारदर्शिता और मनमानी का आरोप लग रहा है। पंचायत ने जिन फर्मों को सामग्री आपूर्ति के आर्डर दिए, वे कथित रूप से चहेती थीं। बता दे 25 सितंबर 2024 को एक फर्म को ईंट आपूर्ति के लिए ₹66,250 का भुगतान किया गया, उसी दिन बिल्डिंग मटेरियल के लिए दो किश्तों में एक अन्य फर्म को ₹1,80,517 और ₹66,560 रुपये दिए गए, इसके अलावा अन्य मदों में ₹15,405, ₹14,220, और ₹47,200 रुपये जैसे अलग-अलग भुगतान किए गए।
इन सभी भुगतानों का कुल आंकड़ा लगभग चार लाख रुपये तक पहुंच गया और ये सभी राशि पंचायत द्वारा उन्हीं फर्मों को दी गई जो ठेकेदारी कार्यों व ग्राम पंचायत की चहेती मानी जा रही हैं। गांव के बुजुर्गों और युवाओं ने इस मुद्दे पर खुलकर नाराजगी जताई। उनका कहना है कि ग्राम पंचायत की प्राथमिकताएं पूरी तरह गलत हैं। जहां एक ओर लोगों की बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं हो रहीं, वहीं दूसरी ओर दिखावे और सेल्फी के नाम पर जनता के पैसे बर्बाद किए जा रहे हैं।
ग्राम विकास अधिकारी ललित वर्मा ने बताया कि निर्माणाधीन अमृत सरोवर के मध्य बने सेल्फी प्वाइंट को लेकर जो लागत स्वीकृत हुई थी, उसी के अंतर्गत सेल्फी प्वाइंट का निर्माण कराया जा चुका है। उन्होंने बताया कि आगे जब फंड प्राप्त होगा, तब उसकी सजावट और सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जाएगा।
अमृत सरोवर में अनियमितताओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि “अभी अमृत सरोवर में जल भराव का कार्य किया जाना है, जिसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अभी इसका लोकार्पण नहीं हुआ है, और लोकार्पण तक सभी कमियां पूरी कर दी जाएंगी वही मुक्तिधाम को लेकर ललित वर्मा ने फंड के न होने की बात कही।