
लखनऊ . बात 1992 की है, जब सीएम योगी ने अपनी मां से गोरखपुर जाने की बात कही और घर से चल दिए। उस समय मां ने सोचा था कि बेटा शायद नौकरी के लिए जा रहा है लेकिन यहां कहानी दूसरी थी। सीएम योगी को अपने गांव पंचूर से गोरखपुर निकले लगभग छह महीने से अधिक का समय हो गया था लेकिन उनके बारे में उनके घर वालों के पास कोई सूचना नहीं थी। वह कौन सी नौकरी कर रहे हैं, किस जगह कर रहे हैं। फिर इस बात को लेकर सीएम योगी के पिता परेशान हो गए। इस दौरान सीएम योगी की बड़ी बहन पुष्पा ने अपने पिता को बताया कि गोरखनाथ मंदिर जाइए, वहां आपको सारी सूचना मिल जाएगी।
बड़ी बहन पुष्पा शादी के बाद दिल्ली शिफ्ट हो गई थीं, उन्होंने हिंदी अखबार में छोटी सी खबर पढ़ी थी कि गोरखपुर के सांसद और गोरक्षपीठाधीश्वर ने दो महीने पहले अपने उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा कर दी है। वह योगी आदित्यनाथ हैं और पौड़ी के रहने वाले हैं।
मिली इस जानकारी के बाद सीएम योगी के पिता गोरखपुर के लिए चल दिए। गोरखपुर पहुंचते ही वह सीधे गोरखनाथ मंदिर पहुंच गए। वहां पहुंचते ही उन्होंने देखा कि भगवा धारण किए सिर मुड़ाए एक युवा संन्यासी फर्श की सफाई का मुआयना कर रहा था। इसके बाद वह जब उनके पास पहुंचे तो हकीकत उनके सामने आ गई, वह उनका अपना बेटा था। अपने पुत्र को सन्यासी के रूप में देखकर वह अवाक रह गए। उन्होंने तो इसकी कल्पना भी नहीं की थी। उनके अंदर का पिता जाग उठा। उन्होंने कहा कि बेटा यह क्या हाल बना रखा है, यहां से तुरंत चलो।
अपने पिता को अचानक देखकर सीएम योगी आश्चर्य हो गए थे। अपनी भावनाओं पर काबू करते हुए उन्हें अपने साथ मंदिर स्थित कार्यालय ले गए। उस समय महंत अवैद्यनाथ कहीं बाहर थे। फोन के माध्यम से अवैद्यनाथ जी को बताया गया कि योगी जी के पिता आए हैं।
पीठाधीश्वर ने उनके पिता से बात की और कहा,’आप के पास चार पुत्र हैं, उनमें से एक को समाज सेवा के लिए नहीं दे सकते हैं।’ उनके पास कोई जवाब नहीं था। उस समय उनके सामने उनका बेटा नहीं, योगी आदित्यनाथ दिखाई दे रहे थे। इसके बाद सीएम योगी के पिता कुछ समय मंदिर में व्यतीत करने के बाद पंचूर लौट गए।
जन्म पर पूरे गांव को खिलाया था शुध्द देशी घी का हलवा
5 जून 1972 को उत्तराखण्ड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश) के पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गाँव के एक गढ़वाली क्षत्रिय परिवार में योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ। आनन्द सिंह बिष्ट के सात बच्चों में तीन बड़ी बहनों व एक बड़े भाई के बाद योगी आदित्यनाथ पांचवी संतान है। योगी के दो छोटे भाई और भी हैं। बचपन में योगी आदित्यनाथ का नाम अजय सिंह बिष्ट था। तब आनन्द सिंह विष्ट यमुना वन विभाग मसूरी रेज की बीट मशाल गांव में वन दारोगा के पद पर कार्यरत थें। योगी के पिता के मित्र जयेन्द्र सिंह सिंह राणा बताते हैं कि ‘‘अजय सिंह बिष्ट (योगी आदित्यनाथ) के नामकरण पर उनके पिता ने पूरे गांव को शुध्द देशी घी का हलवा खिलाया था।’’












