मकर संक्रांति हिन्दू कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हर साल जनवरी के महीने में मनाया जाता है। यह दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का प्रतीक होता है, और इसे खासकर भारत के विभिन्न हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। 2025 में मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा, हालांकि कुछ स्थानों पर यह 15 जनवरी को भी मनाया जा सकता है, क्योंकि मकर संक्रांति का समय सूर्य के मकर राशि में प्रवेश पर निर्भर करता है।
मकर संक्रांति 2025 – तारीख और समय
- तारीख: 14 जनवरी 2025
- सूर्य राशि परिवर्तन: 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा, जिससे मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा।
- मकर संक्रांति के दिन का समय: मकर संक्रांति का दिन खासकर सूर्यास्त से पहले का समय शाही माना जाता है, और यही समय पूजा और स्नान के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
सूर्य मंत्र
मकर संक्रांति के दिन सूर्य देवता की पूजा विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है। इस दिन सूर्य मंत्र का जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
सूर्य मंत्र: “ॐ सूर्याय नमः”
इसके अलावा, आप सूर्य के मंत्र “ॐ घृणि सूर्याय नमः” का भी जाप कर सकते हैं। इस मंत्र का जाप करते समय सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देने से विशेष लाभ मिलता है।
शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति के दिन विशेष रूप से उत्तरण मुहूर्त में दान-पुण्य और स्नान का महत्व है।
- उत्तरण मुहूर्त: 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करने के बाद, उत्तरण मुहूर्त शुरू होगा।
- स्नान और दान: इस दिन विशेष रूप से तिल और गुड़ का दान करने की परंपरा है, क्योंकि यह शुभता और समृद्धि को बढ़ाता है।
मकर संक्रांति के दिन क्या करें
- पवित्र स्नान: इस दिन गंगा, यमुन, या किसी पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है।
- दान करें: खासकर तिल, गुड़, वस्त्र या अन्य दान करना इस दिन का महत्वपूर्ण रिवाज है।
- सूर्य पूजा: सूर्य देवता की पूजा और सूर्योदय के समय सूर्य मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।
- मिठाईयों का आदान-प्रदान: तिल और गुड़ की बनी मिठाईयां बांटना और दोस्तों एवं रिश्तेदारों को शुभकामनाएँ देना एक पुरानी परंपरा है।