
क्या आपने सोचा है कि अंतरिक्ष यात्री अपना सारा काम निपटाने के बाद स्पेस में क्या करते होंगे? जैसे हमारे शुभांशु शुक्ला और बाकी एस्ट्रोनॉट्स ने अपना काम पूरा करने के बाद 14 दिन की एक्सम फोर मिशन में फ्री टाइम में क्या किया? जिसे खाना बनाना, गेम्स खेलना, टाइम पास करना, कैसे उन्होंने अपना समय बिताया?
फ्री टाइम में कुकिंग कैसे की?
इस पूरे मिशन में स्पेस में अपना काम निपटाने के बाद फ्री टाइम में कुकिंग करना काफी ज्यादा मुश्किल रहा। शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में खाना बनाने का मजा बहुत ही ज्यादा लिया। उन्होंने पिज्जा बनाया जो जीरो ग्रेविटी में बिल्कुल भी आसान नहीं था। आटा उड़ता रहा। सॉस हवा में तैरता रहा। लेकिन फिर भी वह पिज्जा बन गया। टोकास भी बनाए और बाकी क्रू के साथ मिलकर खाने का लुफ्त भी उठाया। अंतरिक्ष में खाना बनाना यह तो एक अलग ही रोमांच था।

एक एंटरटेनमेंट और एक बहुत ही मजेदार एक एक्टिविटी थी। फोटोग्राफी का शौक भी शुभांशु शुक्ला ने पहां पर खूब पूरा किया। पृथ्वी के नीले समंदर, हरे-भरे पहाड़ और सनसेट के नजारे की काफी तस्वीरें उन्होंने अपने कैमरे में कैद की हैं। उन्होंने वीडियोज भी बनाए जो कि मिशन की हर याद को संभालकर अपने पास रख सके।
जीरो ग्रैविटी में शुभाशुं ने की मस्ती
स्पेस में खाली समय में शुभांशु शुक्ला ने जीरो ग्रैविटी में काफी मस्ती भी की। उन्होंने पानी के बुलबुले बनाए जो हवा में गोल-मोल घूमते थे। शुभांशु कहते हैं कि यह देखना जादू जैसा था। उन्होंने हर मस्ती के क्षण का वीडियो भी बनाया। वीडियो में शुभांशु और उनके क्रू मेंबर पानी के बुलबुले बनाते हुए मस्ती करते देखा गया।
स्पेस में फ्री टाइम में गेम्स भी खेलें
शुभांशु शुक्ला और उनके क्रू ने फ्लोटिंग कैच, कार्ड गेम्स और गेस द ऑब्जेक्ट जैसे गेम्स खेले। जीरो ग्रेविटी में बॉल उड़ती रही और हंसी मजाक का माहौल बन गया। टीम बॉन्डिंग के लिए मिनी चैलेंज और कंपटीशन भी हुए जो सबके लिए मजेदार एंटरटेनमेंट और टाइम को यूटिलाइज करने जासा था। शुभांशु ने अपने अनुभवों को एक जर्नल में लिखा भी।
अंतरिक्ष की अनोखी दुनिया वहां की शांति और अपने थॉट्स को उन्होंने कागज पर उतारा यानी कि अपने विचारों को ताकि ये यादें हमेशा उनके पास मौजूद रहे और वहां पर मौजूद रहकर अपना एक्सीपीरियंस लिखना वो एक अलग ही अंदाज है। जब आप घर पर वापस आते हैं। अपने धरती पर वापस लौटते हैं। फिर उसके पढ़ते हैं तो उसका मजा ही कुछ अलग होता है क्योंकि वो लाइव सेशन जैसा महसूस होता है।
ऐसा लगता है कि आप वहां पर सिर्फ मौजूद हैं। अपने परिवार से कनेक्ट होने के लिए शुभांशु ने वीडियो कॉल किए। उन्होंने अपने स्पेस कैप्सूल की सैर कराई और घरवालों के साथ अपनी फीलिंग्स शेयर की। यह पल उनके लिए बहुत ही ज्यादा खास थे। हां, रिलैक्स करने के लिए शुभांशु ने म्यूजिक सुना, स्पेस स्टेशन की खिड़की से पृथ्वी को निहारते हुए अपने पसंदीदा गाने सुनना उनके लिए सुकून भरा एक अनुभव रहा।
रोमांच से भरी थी शुभांशु शुक्ला की स्पेस यात्रा
यह थी शुभांशु के अंतरिक्ष में 14 दिन के मस्ती भरे कुछ किस्से जहां पर उन्होंने अपने टाइम को यूटिलाइज किया। अपने आप को एंटरटेन किया। काम से छुट्टी लेकर कुछ ऐसे पल उन्होंने बाकी क्रू मेंबर्स के साथ बिताए जो उनको उनके लिए जिंदगी भर एक यादगार समय रहेगा। क्योंकि वो उनका एक पहला एक्सीपीरियंस था और वहां से लौटने के बाद अगर वो उसे फिर से खोलकर उन यादों को देखेंगे तो उन्हें यही लगेगा कि वो फिर से स्पेस में मौजूद हैं।
जीरो ग्रेविटी में खाना बनाना, तस्वीरें खींचना, खेल खेलना और धरती को ऊपर आसमान से निहारना, हर पल था एक नया रोमांच, अक्सीपिरंस और एक नया अनुभव। अंतरिक्ष में शुभांशु ने न सिर्फ मिशन पूरा किया बल्कि जिंदगी के मजे भी लिए और कुछ ऐसे पल जिए जो हम यहां धरती पर रहकर सोचते हैं। उनके लिए बहुत ही खास और बहुत ही अलग था।