
नई दिल्ली । विमानों के इंजन किसी भी हवाई जहाज की जान होते हैं, लेकिन क्या इनकी कोई एक्सपायरी डेट होती है? इसका जवाब तकनीकी रूप से नहीं है। फ्लाइट इंजन की कोई तय एक्सपायरी तारीख (जैसे किसी खाद्य पदार्थ पर होती है) नहीं होती, लेकिन उनकी उम्र और प्रदर्शन सीमाएं होती हैं, जो उड़ान के घंटों, उड़ान चक्रों और रखरखाव की स्थिति पर तय करती हैं।
फ्लाइट साइकिल : एक बार टेकऑफ और लैंडिंग को मिलाकर एक फ्लाइट साइकिल पूरी होती है। टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान इंजन पर सबसे ज़्यादा दबाव आता है। ज़्यादातर इंजन 10,000 से 20,000 साइकिल तक चलने के लिए डिज़ाइन होते हैं।
वहीं फ्लाइट आवर्स बताता है कि इंजन ने कुल कितने घंटे उड़ान में बिताए। बड़े जेट इंजन जैसे जीई 90 या ट्रेंट 1000 को 40,000–50,000 घंटे तक सेवा में बने रहने के लिए डिज़ाइन किया गया है।कुछ पार्ट्स समय के साथ भी कमजोर हो सकते हैं, भले ही इस्तेमाल कम हुआ हो। इसलिए कंपनियां कुछ हिस्सों को निर्धारित वर्षों में बदलने की सिफारिश करती हैं।
अत्याधुनिक मॉडल जैसे जीई9एक्स या ट्रेंट एक्सडब्ल्यूबी कम ईंधन खपत और लंबी उम्र के लिए जाने जाते हैं अब सवाल उठाता हैं कि क्या इंजन अनंतकाल तक चलते हैं? इसका जवाब है नहीं। लगातार उपयोग, तापमान, दबाव और कंपन से इंजन के पुर्जों में घिसाव होता है। इंजन को हर 1000–2000 फ्लाइट साइकिल पर जांचना और हर 5,000–8,000 साइकिल पर ओवरहॉल करना अनिवार्य होता है। कभी-कभी रखरखाव की लागत इतनी बढ़ जाती है कि नया इंजन लगाना बेहतर होता है।
दुर्घटनाएं क्यों होती हैं, जब इंजन इतने सुरक्षित हैं?
जैसे 12 जून 2025 को अहमदाबाद की फ्लाइट एआई-171 में हुआ था, जहां एक फ्यूल कटऑफ स्विच की गड़बड़ी से दोनों इंजन बंद हो गए। यह यांत्रिक दोष था, न कि उम्र का। इसीलिए नियमित निरीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण बेहद ज़रूरी हैं। फ्लाइट इंजन की कोई निर्धारित एक्सपायरी डेट नहीं होती, लेकिन ये फ्लाइट साइकिल, फ्लाइट घंटे और रखरखाव पर आधारित तय उम्र तक चलते हैं। सही देखरेख और नियामकीय पालन से ये इंजन दशकों तक सुरक्षित सेवा दे सकते हैं।