
भारत में क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि करोड़ों लोगों का जुनून है। गली-मोहल्लों से लेकर बड़े स्टेडियम तक हर जगह लोग इसे खेलते और देखते हैं। लेकिन हर खिलाड़ी टीम इंडिया तक नहीं पहुंच पाता। ऐसे में सवाल उठता है – क्या क्रिकेट में करियर बनाने के रास्ते यहीं खत्म हो जाते हैं? बिल्कुल नहीं! अगर आप क्रिकेट से प्यार करते हैं और खिलाड़ी नहीं बन पाए, तो अंपायरिंग आपके लिए एक शानदार करियर विकल्प हो सकता है।
क्यों है अंपायरिंग खास?
मैच देखते समय हमें लगता है कि अंपायर का काम सिर्फ आउट या नॉट आउट बताना है, लेकिन हकीकत में उनका रोल इससे कहीं बड़ा है।
- अंपायर मैच को निष्पक्ष और सही तरीके से कराने की जिम्मेदारी उठाते हैं।
- उनका एक फैसला मैच का रुख बदल सकता है।
- इसलिए अंपायरिंग को एक सम्मानजनक और जिम्मेदार पेशा माना जाता है।
अंपायर कितनी कमाई करते हैं?
अगर आप इंटरनेशनल लेवल पर अंपायरिंग करते हैं तो कमाई बेहद आकर्षक होती है।
- वनडे मैच में फीस: करीब ₹2.25 लाख प्रति मैच
- टेस्ट मैच में फीस: ₹3 लाख या उससे ज्यादा
- आईसीसी कॉन्ट्रैक्ट होने पर सालाना कमाई: ₹60 लाख से ₹1.5 करोड़ तक
- घरेलू मैचों में (BCCI): लगभग ₹40,000 प्रति मैच
जैसे-जैसे अनुभव और स्तर बढ़ता है, अंपायर की कमाई भी कई गुना बढ़ जाती है।
अंपायर बनने की योग्यता
क्रिकेट अंपायर बनने के लिए आपको खिलाड़ी होना जरूरी नहीं, लेकिन इन खूबियों का होना बहुत जरूरी है:
- क्रिकेट के सभी नियमों की गहरी समझ
- तेज दिमाग और तुरंत सही फैसला लेने की क्षमता
- साफ और आत्मविश्वास से भरी आवाज
- लंबे समय तक खड़े रहने की क्षमता और अच्छी फिटनेस
अंपायर बनने की प्रक्रिया
- सबसे पहले राज्य स्तर की परीक्षाएं पास करनी होती हैं।
- ये परीक्षाएं हर साल BCCI आयोजित करता है, जिनमें उम्मीदवार के क्रिकेट नियमों का ज्ञान परखा जाता है।
- लिखित परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवार को मैदान पर ट्रेनिंग दी जाती है।
- इसके बाद उन्हें घरेलू टूर्नामेंट में अंपायरिंग का मौका मिलता है।
- धीरे-धीरे अनुभव के आधार पर वे उच्च स्तर पर चयनित होते हैं।
आज के समय में इंटरनेशनल क्रिकेट और टी20 लीग्स के बढ़ते क्रेज के कारण अंपायरों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। अगर आप क्रिकेट के प्रति जुनूनी हैं और नियमों को समझते हैं, तो अंपायरिंग एक ऐसा करियर है जो न सिर्फ सम्मान दिलाएगा बल्कि अच्छी खासी कमाई भी कराएगा।