मिहीपुरवा/बहराइच l कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के कतर्नियाघाट नेचर इंटरपेटेशन सेंटर पर आर्द्र भूमि दिवस एवं बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पी.पी. सिंह, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, लखनऊ रहे । कार्यक्रम में डब्लू.डब्लू.एफ. इंडिया के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी, दबीर हसन, वन्यजीव प्रतिपालक मोतीपुर संतोष कुमार, क्षेत्रीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट आशीष गौर, एस ओ एस टाईगर के फैज़ मोहम्मद समेत कई लोग शामिल रहे।
कार्यक्रम में शारदा सहायक परियोजना इण्टर कॉलेज के छात्र छात्राओं के बीच वेटलैंड के महत्व पर निबंध लेखन प्रतियोगिता और पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया और छात्र छात्राओं को महादेवा ताल तथा भवानीपुर घाट पर क्षेत्रीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट द्वारा जलीय पक्षियों ,घड़ियाल और डॉल्फिन का अवलोकन कराया गया तथा वेटलैंड के बारे में जानकारी दिया गया।
इस कार्यक्रम में कानपुर स्थित वानिकी प्रशिक्षण संस्थान के 40 प्रशिक्षु वन्य जीव रक्षकों को डब्लू.डब्लू.एफ. के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी दबीर हसन ने वेटलैंड के महत्व को बताते हुए मानव वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन पर प्रशिक्षण दिया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पी.पी. सिंह ने उपस्थित वन्यजीव रक्षकों और स्कूली छात्रों, शिक्षकों को बताया कि हमारे पर्यावरण संतुलन में वेटलैंड का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है और उसमें एक पारिस्थितिकी तंत्र होता है जलीय जीवों तथा जलीय पक्षियों का प्रवास होता है। वेटलैंड्स संरक्षण से जल स्तर को बनाए रखने में काफी मदद मिलती है तथा बाढ़ आदि को रोकने में भी काफी मदद मिलती है। इसलिए हम सबका दायित्व है कि वेटलैंड का संरक्षण करें और पक्षियों को बचाएं। उपस्थित सभी अधिकारियों और लोगों ने संकल्प लिया कि हम लोग नम भूमि, तालाब पोखरों, झीलों और नदियों का संरक्षण करेंगे तथा इसके बारे में जागरूकता अभियान चलाया गया।