
New Delhi : दिल्ली उच्च न्यायालय ने यूपी के मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे पर आधारित वेब सीरीज यूपी 77 की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने वेब सीरीज के निर्माता के इस बयान को रिकॉर्ड पर लिया कि वो एक सार्वजनिक सूचना जारी करेगा कि वेब सीरीज एक फिक्शन है और इसका विकास दुबे की जीवनी से कुछ भी लेना-देना नहीं है।
विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे ने दायर याचिका में कहा था कि वेब सीरीज में अनधिकृत रुप से विकास दुबे के जीवन को सनसनीखेज तरीके से पेश किया गया है। वेब सीरीज में विकास दुबे के निजी जीवन के कुछ ऐसे तथ्य रखे गये हैं, जो उसकी गरिमा, छवि और निजता का हनन करते हैं। याचिका में कहा गया है कि वेब सीरीज के जरिये याचिकाकर्ता के पारिवारिक मामलों में ताक-झांक करने की कोशिश की गई है। ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। याचिका में वेब सीरीज पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा गया कि इससे याचिकाकर्ता और उसके बेटों की गरिमा को खत्म करने की कोशिश की गई है। वेब सीरीज से पुराने जख्म फिर से ताजे हो जाएंगे और याचिकाकर्ता की सुरक्षा का खतरा बढ़ सकता है।
विकास दुबे और उसके सहयोगियों पर कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोप है। उसके बाद उसे 9 जुलाई, 2020 को तब गिरफ्तार किया गया, जब उसने मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर में पुलिस के सामने सरेंडर किया था। कानपुर लाते समय विकास दुबे को 10 जुलाई की सुबह उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस के मुताबिक विकास दुबे ने हिरासत के दौरान एक पुलिस अधिकारी की बन्दूक छीन कर पुलिसकर्मियों पर गोली चलाई थी, जिसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाई थी।
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