कश्मीर तो लेंगे ही, दहेज में पाकिस्तान भी उठाएंगे…पाकिस्तान पर धीरेंद्र शास्त्री का तीखा हमला

सीकर : सीकर के रैवासा धाम में चल रहे 9 दिवसीय ‘सियपिय मिलन महोत्सव’ में कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भावनात्मक और जोशीले संबोधन से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने राजस्थान को वीरों की भूमि बताते हुए कहा कि महाराणा प्रताप जैसे योद्धाओं की धरती पर सबसे पहले हिंदू राष्ट्र का ध्वज फहराएगा।

राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान का उल्लेख करते हुए उन्होंने रामप्रसाद हाथी का उदाहरण दिया, जिसने दुश्मनों का अन्न-जल तक स्वीकार नहीं किया। उन्होंने रैवासा धाम को तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग की और कहा कि यह भूमि किशोरी जी, जानकी जी, सालासर बालाजी, मेहंदीपुर बालाजी और अब रघुवीर जी की भी पावन भूमि बन चुकी है।

धीरेंद्र शास्त्री ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने और गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने का संकल्प दोहराया। उन्होंने 7 से 16 नवंबर तक इस मुद्दे पर एक विशाल पदयात्रा निकालने की घोषणा की और हर हिंदू से प्रतिदिन एक घंटा हिंदू राष्ट्र के लिए समर्पित करने का आह्वान किया। विदेश यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने युगांडा की परंपरा का उदाहरण दिया, जहां कन्यादान में गाय दी जाती है। शास्त्री ने कहा कि भारत में भी गौमाता की सुरक्षा और गौवध पर पूर्ण प्रतिबंध आवश्यक है।

पाकिस्तान पर तीखा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि भारत किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। “कश्मीर तो लेंगे ही, दहेज में पाकिस्तान भी उठाएंगे,” कहते हुए उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का हवाला दिया और बताया कि भारत 900 किलोमीटर अंदर तक जाकर वार करने की ताकत रखता है।

अपने संबोधन के अंत में उन्होंने जातिवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद, वेद और संत परंपरा में विश्वास रखने तथा गौ-सेवा को जीवन का लक्ष्य बनाने का आह्वान किया। उनका कहना था कि जब गौमाता सुरक्षित होगी, तभी भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा और हिंदू समाज सुरक्षित रहेगा।

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