
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बार विजयदशमी का पर्व गुजरात के भुज मिलिट्री स्टेशन पर सैनिकों के साथ मनाया। जवानों का मनोबल बढ़ाने के साथ ही उन्होंने भुज में शस्त्र पूजा की और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की हवाई रक्षा को बेनकाब करके भारत की निर्णायक क्षमता साबित करने के लिए सशस्त्र बलों को सराहा। उन्होंने चेतावनी दी कि दुश्मन का अगला कोई भी दुस्साहस हुआ तो इतिहास और भूगोल बदलने लायक कड़ा जवाब मिलेगा।
उन्होंने कहा कि शस्त्र पूजा भारत के शस्त्रों को धर्म के साधन मानने के दर्शन को दर्शाती है। शस्त्र (ज्ञान) और शस्त्र (हथियार) के संतुलन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। सीमा और साइबर चुनौतियों के प्रति आगाह किया और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मनोबल और शस्त्रों के बल पर कोई भी चुनौती भारत के संकल्प का सामना नहीं कर सकती। रक्षा मंत्री ने भुज में शस्त्र पूजा की और उन्होंने जवानों के माथे पर तिलक लगाकर ऑपरेशन सिंदूर में भारत की निर्णायक क्षमता साबित करने के लिए सराहा।
जवानों को संबोधन में उन्होंने कहा कि शस्त्रों की पूजा का यह दिन केवल हमारे व्यक्तिगत जीवन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय जीवन से भी गहराई से जुड़ा हुआ है। जब एक राष्ट्र के रूप में हम अपने शस्त्रों का सम्मान करते हैं, तो हम केवल हथियारों का नहीं, बल्कि हम अपनी सामूहिक शक्ति, अपनी सुरक्षा और अपनी स्वतंत्रता का भी सम्मान कर रहे होते हैं। आज अपनी ‘आत्मनिर्भरता’ के संकल्प से भारत शस्त्रों का सिर्फ उपभोक्ता ही नहीं, बल्कि निर्माता और निर्यातक भी बन रहा है। थल सेना, वायु सेना और नौसेना हमारी शक्ति के तीन स्तंभ हैं। जब ये तीनों सेनाएं मिलकर कार्य करती हैं, तभी हम हर चुनौती का प्रभावी ढंग से सामना कर सकते हैं। हमारी सरकार लगातार अपनी सेनाओं के एकीकरण पर जोर दे रही है।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने लेह से लेकर सर क्रीक के इस इलाके तक भारत के डिफेंस सिस्टम को भेदने की कोशिश की, लेकिन भारत की सेनाओं ने अपनी जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह एक्सपोज कर दिया। भारत ने दुनिया को संदेश दे दिया कि भारत की सेनाएं जब चाहें, जहां चाहें और जैसे भी चाहें पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं। अपने सामर्थ्य के बावजूद हमने संयम का परिचय दिया, क्योंकि हमारी सैन्य कार्रवाई आतंकवाद के विरोध में थी। इसको आगे बढ़ाकर जंग छेड़ना ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य नहीं था, मगर आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अभी भी जारी है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आजादी के 78 साल बीत जाने के बावजूद सर क्रीक इलाके में सीमा को लेकर एक विवाद खड़ा किया जाता है। भारत ने कई बार बातचीत के रास्ते इसका समाधान करने का प्रयास किया है, मगर पाकिस्तान की नीयत में ही खोट है, उसकी नीयत साफ नहीं है। जिस तरह से हाल में पाकिस्तान की फौज ने सर क्रीक से सटे इलाकों में अपना सैन्य ढांचा बढ़ाया है, उससे उसकी नीयत का पता चलता है। राजनाथ सिंह ने चेतावनी दी कि भारत की सीमाओं की रक्षा भारतीय सेनाएं और बीएसएफ मिल कर मुस्तैदी से कर रही है। अगर सर क्रीक इलाके में पाकिस्तान की ओर से कोई भी हिमाकत की गई, तो उसे ऐसा करारा जवाब मिलेगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएगा।
उन्होंने जवानों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आपकी रणनीति, आपके साहस और आपकी क्षमता ने साबित कर दिया कि भारत हर परिस्थिति में दुश्मन को मात देने में सक्षम है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सबका साहस, आप सबका शौर्य इसी प्रकार भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करता रहेगा। शस्त्र पूजा के बाद उन्होंने मां दुर्गा से प्रार्थना कि वह हमारे शस्त्रों को सदैव धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित करें। हमारे सैनिकों को असीम शक्ति और साहस प्रदान करें, ताकि वो इसी तरह अधर्म और आसुरी शक्तियों के नाश के लिए काम करते रहें और इस राष्ट्र को अजेय और अभेद्य बनाए रखें।
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