
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को राष्ट्रपति के संदर्भ पर सुनवाई के दौरान पड़ोसी देशों नेपाल और बांग्लादेश में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों का जिक्र हुआ।
यह सुनवाई 12 अप्रैल के उस आदेश से जुड़ी थी, जिसमें राष्ट्रपति और राज्यपालों को राज्यों के विधेयकों को मंजूरी देने के लिए तय समय-सीमा की बात कही गई थी।
संविधान पर गर्व – CJI गवई
मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने सुनवाई के दौरान कहा:
“हमें अपने संविधान पर गर्व है।”मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि देखिए हमारे पड़ोसी राज्यों में क्या हो रहा है। नेपाल, हमने देखा। उन्होंने हिमालयी राज्य में 48 घंटे पहले शुरू हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें अब तक 21 लोग मारे जा चुके हैं और केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
उन्होंने भारतीय संविधान की उस धारा का उल्लेख किया, जिसके तहत राष्ट्रपति को किसी भी सार्वजनिक महत्व के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से सलाह लेने का अधिकार है।
नेपाल हिंसा का जिक्र
CJI ने कहा कि पड़ोसी देशों की स्थिति देखकर हमें सबक लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि:
- नेपाल में 48 घंटे पहले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन शुरू हुआ।
- अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है।
- विरोध प्रदर्शनों के दबाव में केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।