वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) की बैठक समाप्त हो गई है, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के द्वारा प्रस्तुत किए गए संशोधनों पर गहरी चर्चा हुई। इस बैठक के दौरान, सत्ता पक्ष द्वारा पेश किए गए 22 संशोधनों को मंजूरी दी गई, जबकि विपक्ष द्वारा पेश किए गए 44 संशोधन प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया गया। विपक्ष ने अपने संशोधनों में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन में सुधार की मांग की थी, लेकिन इन्हें समर्थन नहीं मिल सका। जेपीसी की अध्यक्षता कर रहे जगदंबिका पाल ने बैठक के बाद कहा कि समिति की यह अंतिम बैठक थी, और बहुमत के आधार पर केवल 14 संशोधनों को स्वीकार किया गया।
जेपीसी की बैठक में हंगामा भी हुआ, जब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद कल्याण बनर्जी ने विरोध जताया। हालांकि, समिति ने सभी प्रस्तावित संशोधनों पर मतदान किया, जिसमें विपक्ष के संशोधनों के पक्ष में केवल 10 वोट पड़े, जबकि इसके विरोध में 16 वोट गए। इसके परिणामस्वरूप विपक्ष के संशोधनों को अस्वीकार कर दिया गया। इस निर्णय ने पूरे प्रक्रिया को और विवादास्पद बना दिया, क्योंकि विपक्षी दलों का आरोप है कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में बदलाव की दिशा में किए गए कदमों में उनकी भूमिका को नजरअंदाज किया गया है।
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का उद्देश्य वक्फ अधिनियम 1995 में बदलाव करना है। इस विधेयक के अंतर्गत वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और विनियमन में सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस विधेयक को 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में पेश किया था, जिसके बाद इसे संसद की संयुक्त समिति के पास भेज दिया गया था। समिति का मुख्य उद्देश्य यह था कि वक्फ संपत्तियों से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जा सके और इनके बेहतर प्रबंधन के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें।
समिति ने पिछले छह महीनों में वक्फ संशोधन विधेयक पर व्यापक चर्चा की और विभिन्न राज्यों का दौरा किया। इस दौरान, समिति ने 34 बैठकें कीं, और 24 से अधिक हितधारकों को आमंत्रित किया। समिति में कुल 31 सदस्य हैं, जिनमें से 21 लोकसभा से और 10 राज्यसभा से हैं। इस विधेयक पर चर्चा करते समय, विशेष ध्यान दिया गया कि वक्फ संपत्तियों के प्रभावी प्रबंधन के लिए सभी पक्षों की राय ली जाए। हालांकि, बहुमत के आधार पर समिति ने अधिकांश संशोधनों को अस्वीकार कर दिया, जिसके कारण विपक्षी दलों में निराशा और असहमति की भावना देखी गई।
समिति ने यह भी बताया कि इस विधेयक की अंतिम रिपोर्ट आगामी बजट सत्र में संसद में पेश की जा सकती है, जो लगभग 500 पन्नों की होगी। रिपोर्ट में वक्फ संपत्तियों से संबंधित प्रबंधन, सुधारों और आने वाली चुनौतियों पर विस्तृत विचार किया जाएगा। इस रिपोर्ट के माध्यम से समिति की ओर से वक्फ संपत्तियों के संचालन में पारदर्शिता और प्रभावी प्रबंधन के लिए सुझाव दिए जाएंगे।
विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के बेहतर उपयोग और प्रबंधन को सुनिश्चित करना है ताकि इन संपत्तियों से होने वाली आय का सही तरीके से उपयोग किया जा सके और इसके माध्यम से सामाजिक और धार्मिक कार्यों को बढ़ावा दिया जा सके। वक्फ सम्पत्तियों का प्रभावी तरीके से प्रबंधन न केवल इन संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि इसके माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों को लाभ भी पहुंचता है।
वर्तमान में, वक्फ संशोधन विधेयक पर राजनीति गर्म है, क्योंकि यह विधेयक न केवल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को प्रभावित करेगा, बल्कि यह कई धार्मिक और सामाजिक समुदायों के लिए महत्वपूर्ण है। अब यह देखना बाकी है कि आगामी बजट सत्र में इस विधेयक पर संसद में क्या प्रतिक्रिया मिलती है और क्या इसे पारित किया जाएगा। इसके साथ ही, यह भी ध्यान देने योग्य होगा कि इस विधेयक के लागू होने से वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा, उपयोग और प्रबंधन के मामले में कितना सुधार होगा, और इसका असर संबंधित समुदायों पर क्या पड़ेगा।